Sentence view
Universal Dependencies - Bhojpuri - BHTB
Language | Bhojpuri |
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Project | BHTB |
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Corpus Part | test |
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showing 201 - 300 of 255 • previous
सुनील सिन्हा के स्तंभ शुक के सुनील सिन्हा जी के भेजल “ भोजपुरी पंचायत ” के कई गो पहिले के अंक मिलल ।
s-201
f3-49
सुनील सिन्हा के स्तंभ शुक के सुनील सिन्हा जी के भेजल “ भोजपुरी पंचायत ” के कई गो पहिले के अंक मिलल ।
हम दू महीना पहिले आग्रह कइले रहीं ।
s-202
f3-50
हम दू महीना पहिले आग्रह कइले रहीं ।
खास करके उहेंवाला स्तंभ पढ़े खातिर ।
s-203
f3-51
खास करके उहेंवाला स्तंभ पढ़े खातिर ।
उहाँके स्तंभ “ आत्म - विश्वास ” हम बहुत चाव से पढ़ींले ।
s-204
f3-52
उहाँके स्तंभ “ आत्म - विश्वास ” हम बहुत चाव से पढ़ींले ।
ओकर एक - एक बात जइसे हमरा मन का गहराई में उतरत जाला , काहेंकि एह प्रक्रिया में हमार पूरा विश्वास बाटे ।
s-205
f3-53
ओकर एक - एक बात जइसे हमरा मन का गहराई में उतरत जाला , काहेंकि एह प्रक्रिया में हमार पूरा विश्वास बाटे ।
एकरा पीछा ईहो एगो कारन हो सकेला कि दू साल पहिले हम गोवा जाके लीडरशिप के ट्रेनिंग लेले रहीं ।
s-206
f3-54
एकरा पीछा ईहो एगो कारन हो सकेला कि दू साल पहिले हम गोवा जाके लीडरशिप के ट्रेनिंग लेले रहीं ।
अबहिंयो याद बा जब हमनीके नए साथी का मुँह से ईहे निकलल रहे कि कम से कम एक हप्ता अउर ट्रेनिंग के अवधि बढ़ि गइल रहित ।
s-207
f3-55
अबहिंयो याद बा जब हमनीके नए साथी का मुँह से ईहे निकलल रहे कि कम से कम एक हप्ता अउर ट्रेनिंग के अवधि बढ़ि गइल रहित ।
रोज सात घंटा के पढाई होखे ।
s-208
f3-56
रोज सात घंटा के पढाई होखे ।
बीच में खाली एक घंटा के ब्रेक ।
s-209
f3-57
बीच में खाली एक घंटा के ब्रेक ।
पढाई हमनी के अतना भावल कि ओह दौरान केहूँ के मोबाइल ऑन ना रहत रहे , ढेर से ढेर साइलेंट मोड में आ टॉयलेट जाए के त केहूँ नाँवे ना लेइ , डर रहे कि कुछ छूटि जाई ।
s-210
f3-58
पढाई हमनी के अतना भावल कि ओह दौरान केहूँ के मोबाइल ऑन ना रहत रहे , ढेर से ढेर साइलेंट मोड में आ टॉयलेट जाए के त केहूँ नाँवे ना लेइ , डर रहे कि कुछ छूटि जाई ।
हमनी के अतना विश्वास हो गइल रहे कि कवनो विद्यार्थी के आसानी से पटरी पर ले आइल जा सकता ।
s-211
f3-59
हमनी के अतना विश्वास हो गइल रहे कि कवनो विद्यार्थी के आसानी से पटरी पर ले आइल जा सकता ।
हमरा एह बात पर सभ विश्वास ना कर पाई , ई हम जानतानी बाकिर हमरा विश्वास में आजुओ कवनो कमी नइखे आइल ।
s-212
f3-60
हमरा एह बात पर सभ विश्वास ना कर पाई , ई हम जानतानी बाकिर हमरा विश्वास में आजुओ कवनो कमी नइखे आइल ।
फेरु फगुआ बदनाम होई ।
s-213
f3-61
फेरु फगुआ बदनाम होई ।
फगुआ जइसे - जइसे नगिचात जाता , हमार साँस फूलल जाता ।
s-214
f3-62
फगुआ जइसे - जइसे नगिचात जाता , हमार साँस फूलल जाता ।
रंग में हई गड़बड़ी होले त मिठाई हइसे बनतारी सन आजु - काल्हु ।
s-215
f3-63
रंग में हई गड़बड़ी होले त मिठाई हइसे बनतारी सन आजु - काल्हु ।
अब फूहर गाना बाजे शुरू हो जाई ।
s-216
f3-64
अब फूहर गाना बाजे शुरू हो जाई ।
हमरा आजु तक ना बुझाइल कि हमनी का खाली टिप्पणिए देबे खातिर पैदा भइल बानी जा कि कुछु करबो करबि जा ।
s-217
f3-65
हमरा आजु तक ना बुझाइल कि हमनी का खाली टिप्पणिए देबे खातिर पैदा भइल बानी जा कि कुछु करबो करबि जा ।
बाजारू रंग लगवला के बहुत नुकसान बा आ महङा रंग जे कीन सकता , ऊ दू चुटकी अबीरे से काम चला लेला भा छी - मानुख में ओकर होली निकलि जाले ।
s-218
f3-66
बाजारू रंग लगवला के बहुत नुकसान बा आ महङा रंग जे कीन सकता , ऊ दू चुटकी अबीरे से काम चला लेला भा छी - मानुख में ओकर होली निकलि जाले ।
त लोग रंग खेलल छोड़ि देसु ?
s-219
f3-67
त लोग रंग खेलल छोड़ि देसु ?
रंगे से त होली हटे आ किसिम किसिम का रंगे से त जिनिगी बनेले ।
s-220
f3-68
रंगे से त होली हटे आ किसिम किसिम का रंगे से त जिनिगी बनेले ।
फेरु प्रिंट से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक के मन - मिजाज एक हप्ता पहिलहीं से सत्यानाशी भाषणबाजी से काहें रङा जाला ?
s-221
f3-69
फेरु प्रिंट से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक के मन - मिजाज एक हप्ता पहिलहीं से सत्यानाशी भाषणबाजी से काहें रङा जाला ?
अतने बा त तथाकथित बुद्धिजीवी लोग के दुअरा - दुअरा जाके लोगन के ज्ञान चक्षु खोलेके चाहीं ।
s-222
f3-70
अतने बा त तथाकथित बुद्धिजीवी लोग के दुअरा - दुअरा जाके लोगन के ज्ञान चक्षु खोलेके चाहीं ।
खाली मुँह के खुजली मिटवला से कुछु ना बदली , थोरे टाइम त निकालहीं के परी आ नवका पीढ़ी के फेसो करेके परी ।
s-223
f3-71
खाली मुँह के खुजली मिटवला से कुछु ना बदली , थोरे टाइम त निकालहीं के परी आ नवका पीढ़ी के फेसो करेके परी ।
लेखको लोग सवाल का घेरा में ई नीमन ना कहाई कि लेखको लोग अब सवाल का घेरा में आवे लगलन ।
s-224
f3-72
लेखको लोग सवाल का घेरा में ई नीमन ना कहाई कि लेखको लोग अब सवाल का घेरा में आवे लगलन ।
ई का भइल कि जब देश में सब ठीकठाक बा त केहूँ के अनकस बरे लागता आ तनिक चिंताजनक भइला पर बिल्कुल मौन माने सभ नीमन चल रहल बा ।
s-225
f3-73
ई का भइल कि जब देश में सब ठीकठाक बा त केहूँ के अनकस बरे लागता आ तनिक चिंताजनक भइला पर बिल्कुल मौन माने सभ नीमन चल रहल बा ।
जेकर गतिविधि राष्ट्रीय सुरक्षा का खिलाफ बाइ , ओकरा सङे बानी अपने सभ आ जेकरा के देश थू - थू कर रहल बा ओकरा बाहबाही में राउर कलम कवनो कोर - कसर नइखे छोड़त ।
s-226
f3-74
जेकर गतिविधि राष्ट्रीय सुरक्षा का खिलाफ बाइ , ओकरा सङे बानी अपने सभ आ जेकरा के देश थू - थू कर रहल बा ओकरा बाहबाही में राउर कलम कवनो कोर - कसर नइखे छोड़त ।
अउर त अउर , जेकरा अनुशासनहीनता के दुष्प्रभाव देश भर के छात्रन पर पड़ रहल बा ।
s-227
f3-75
अउर त अउर , जेकरा अनुशासनहीनता के दुष्प्रभाव देश भर के छात्रन पर पड़ रहल बा ।
बताईं ईहे लेखक के धर्म हटे ?
s-228
f3-76
बताईं ईहे लेखक के धर्म हटे ?
रउरा एही स्वाभिमान के सम्मान होखेके चाहीं ?
s-229
f3-77
रउरा एही स्वाभिमान के सम्मान होखेके चाहीं ?
ई सभ जानता कि तरह-तरह के तर्क बनाम गलथेथई से कुछ बने ना , बिगड़बे करेला ।
s-230
f3-78
ई सभ जानता कि तरह-तरह के तर्क बनाम गलथेथई से कुछ बने ना , बिगड़बे करेला ।
हमरा खयाल से हमनी सभ लेखकन के राजनीति आ गोलबंदी से अलगे रहेके चाहीं ।
s-231
f3-79
हमरा खयाल से हमनी सभ लेखकन के राजनीति आ गोलबंदी से अलगे रहेके चाहीं ।
आजुओ लेखक लोगन पर से लोगन के भरोसा नइखे हटल ।
s-232
f3-80
आजुओ लेखक लोगन पर से लोगन के भरोसा नइखे हटल ।
तथाकथित अश्लीलता एह घरी भोजपुरी के बहुत बिचित्र स्थिति हो गइल बा ।
s-233
f3-81
तथाकथित अश्लीलता एह घरी भोजपुरी के बहुत बिचित्र स्थिति हो गइल बा ।
जेकरे मन आवता ऊ अश्लील कहि देता भा दागदार बता देता ।
s-234
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जेकरे मन आवता ऊ अश्लील कहि देता भा दागदार बता देता ।
एह विषय पर ना चाहते हुए भी हमहूँ लिखलीं आ परिचर्चो आयोजित कइलीं ।
s-235
f3-83
एह विषय पर ना चाहते हुए भी हमहूँ लिखलीं आ परिचर्चो आयोजित कइलीं ।
सोचलीं कि सत्य का ग्यान भइला का बाद ई कुल्हि बंद हो जाई बाकिर काहेंके ?
s-236
f3-84
सोचलीं कि सत्य का ग्यान भइला का बाद ई कुल्हि बंद हो जाई बाकिर काहेंके ?
कुछ लोग त बाकायदा झंडा उठाके चल देले बाड़न बिना ई जनले कि अश्लीलता के पैमाना का होई ?
s-237
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कुछ लोग त बाकायदा झंडा उठाके चल देले बाड़न बिना ई जनले कि अश्लीलता के पैमाना का होई ?
भोजपुरी बीर आ बहादुर लोगन के भाषा हटे ।
s-238
f3-86
भोजपुरी बीर आ बहादुर लोगन के भाषा हटे ।
गारी - गलौज आ शृंगारिक हँसी - मजाक भोजपुरी के सुभाव हटे आ ई सभ भोजपुरिया के ताकत हऽ ।
s-239
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गारी - गलौज आ शृंगारिक हँसी - मजाक भोजपुरी के सुभाव हटे आ ई सभ भोजपुरिया के ताकत हऽ ।
सुनतानी कि कहीं - कहीं सरकारी फरमानो जारी होखे लागल बा।
s-240
f3-88
सुनतानी कि कहीं - कहीं सरकारी फरमानो जारी होखे लागल बा।
आउर कुछ लोग त कानूने बनवावे पर आमादा हो गइल बाड़न ।
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आउर कुछ लोग त कानूने बनवावे पर आमादा हो गइल बाड़न ।
कहीं अइसन मत होखे कि एंटीबायोटिक का प्रयोग से ऊहो बैक्टीरिया मरि जा सन जवन हमनीके शरीर का सहज सुभाव के रक्षा करेलन स ।
s-242
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कहीं अइसन मत होखे कि एंटीबायोटिक का प्रयोग से ऊहो बैक्टीरिया मरि जा सन जवन हमनीके शरीर का सहज सुभाव के रक्षा करेलन स ।
एही विषय पर बक्सर में एक बेर मनोज चौबे जी से बात होत रहे ।
s-243
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एही विषय पर बक्सर में एक बेर मनोज चौबे जी से बात होत रहे ।
उहाँका कहलीं कि आजु - काल्हु एकर झंडा उठाके जेतना लोग चल रहल बा ओहमें ऊहो लोग शामिल बा जे एह समस्या का मूल में बा ।
s-244
f3-92
उहाँका कहलीं कि आजु - काल्हु एकर झंडा उठाके जेतना लोग चल रहल बा ओहमें ऊहो लोग शामिल बा जे एह समस्या का मूल में बा ।
ओह तथाकथित साफ - सुथरा गायक लोग से भी पूछल जाएके चाहीं कि भोजपुरी गायकी में “ चोली - साया ” लेके के आइल ।
s-245
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ओह तथाकथित साफ - सुथरा गायक लोग से भी पूछल जाएके चाहीं कि भोजपुरी गायकी में “ चोली - साया ” लेके के आइल ।
हमार माथा ठनकल ।
s-246
f3-94
हमार माथा ठनकल ।
त ईहो अपना के निउज में बनवले राखेके एगो जरिया हो गइल बा ?
s-247
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त ईहो अपना के निउज में बनवले राखेके एगो जरिया हो गइल बा ?
फुहरकम केहूँ के नीक ना लागे।
s-248
f3-96
फुहरकम केहूँ के नीक ना लागे।
कवनो जुग में नइखे लागल त हमरा काहें लागी।
s-249
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कवनो जुग में नइखे लागल त हमरा काहें लागी।
बाकिर एक बेरि हिंदियो गीतन पर त ध्यान दीहल जाव।
s-250
f3-98
बाकिर एक बेरि हिंदियो गीतन पर त ध्यान दीहल जाव।
जवन घर - घर में लइका - लइकी सुनतारे सन ।
s-251
f3-99
जवन घर - घर में लइका - लइकी सुनतारे सन ।
हम जानतानी कि ओहिजा रउरा अबस बानी , राउर कवनो कंट्रोल नइखे ।
s-252
f3-100
हम जानतानी कि ओहिजा रउरा अबस बानी , राउर कवनो कंट्रोल नइखे ।
जरूरी ईहो बा कि जवन काम हो रहल बा ओकरा के कम से कम झंडावाला लोग जरूर पढ़सु ।
s-253
f3-101
जरूरी ईहो बा कि जवन काम हो रहल बा ओकरा के कम से कम झंडावाला लोग जरूर पढ़सु ।
संसार के कवनो रोग से बिना दवा खइले छुटकारा पावल जा सकता ।
s-254
f3-102
संसार के कवनो रोग से बिना दवा खइले छुटकारा पावल जा सकता ।
ढंग से काउंसिलिंग क दिहल जाव त केहू आत्महत्या ना करी कबो ।
s-255
f3-103
ढंग से काउंसिलिंग क दिहल जाव त केहू आत्महत्या ना करी कबो ।
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