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Universal Dependencies - Bhojpuri - BHTB

LanguageBhojpuri
ProjectBHTB
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[1] tree
के कहल कि चमक - चमक के , झमक-झमक के , उचकि - उचकि के लपकि - लपकि के , देहि भाँजत गेना नियर उछलत चउए पर चलऽ जा
s-1
f2-1
के कहल कि चमक - चमक के , झमक-झमक के , उचकि - उचकि के लपकि - लपकि के , देहि भाँजत गेना नियर उछलत चउए पर चलऽ जा ।
[2] tree
राहे - राहे रासलीला , खेते - खेते वृंदावन …… फागुन के महीना , खेत , खरिहान , कटिया , धूप , बसंती चोली , गुलाबी चुनरी , मस्त चाल …… अजी , धनिया से के कहल कि अब चुनरी रँगा
s-2
f2-2
राहे - राहे रासलीला , खेते - खेते वृंदावन …… ई फागुन के महीना , ई खेत , ई खरिहान , ई कटिया , ई धूप , ई बसंती चोली , ई गुलाबी चुनरी , मस्त चाल …… अजी , धनिया से के कहल कि अब चुनरी रँगा ल ।
[3] tree
तबे नू एह अइसन कलम के जादूगरी पर चकित होत डॉ. रामप्रवेश शास्त्री के लिखे के पड़ल
s-3
f2-3
“ तबे नू एह आ अइसन कलम के जादूगरी पर चकित होत डॉ. रामप्रवेश शास्त्री के लिखे के पड़ल – ” ।
[4] tree
विवेकी राय जी के चुनरी के रंग , बिनावट , कारीगरी के जवन भी संज्ञा अच्छा लागे , दिहला में कवनो हरज ना बा , लेकिन अइसन कला के पटतर दिहल कठिन होला
s-4
f2-4
विवेकी राय जी के चुनरी के रंग , बिनावट , कारीगरी के जवन भी संज्ञा अच्छा लागे , दिहला में कवनो हरज ना बा , लेकिन अइसन कला के पटतर दिहल कठिन होला ।
[5] tree
जवन नित नया बा , ओके पुरान बटखरा से वजन कइले अतने लाभ हो सकेला कि पता चलि जाई कि हमरा जानकारी के कसौटी में कतना पर अधिका उतरल बा
s-5
f2-5
जवन नित नया बा , ओके पुरान बटखरा से वजन कइले अतने लाभ हो सकेला कि पता चलि जाई कि हमरा जानकारी के कसौटी में कतना पर ई अधिका उतरल बा ।
[6] tree
अनिल कुमार आंजनेय एह कृति के भोजपुरी अंचल के दरपन बतावत कहले रहलीं - के कहल चुनरी रँगा भोजपुरी अंचल के दर्पण
s-6
f2-6
“ अनिल कुमार आंजनेय एह कृति के भोजपुरी अंचल के दरपन बतावत कहले रहलीं - ” के कहल चुनरी रँगा ल ’ भोजपुरी अंचल के दर्पण ह ।
[7] tree
जेके भोजपुरी जिनिगी में , अंचल में गहराई तक पइठे के बा , ओके समीक्ष्य पुस्तक पढ़ल बहुते आवश्यक बा
s-7
f2-7
जेके भोजपुरी जिनिगी में , अंचल में गहराई तक पइठे के बा , ओके ई समीक्ष्य पुस्तक पढ़ल बहुते आवश्यक बा ।
[8] tree
पुस्तक के गहरे पैठ अंतर्दृष्टि के साक्षी
s-8
f2-8
ई पुस्तक के गहरे पैठ अंतर्दृष्टि के साक्षी ह ।
[9] tree
आंजनेय जी के एह कहनाम से सहमति जतावत चंद्रशेखर तिवारी लिखले बाड़न - एह संग्रह के पढ़िके कहल जा सकेला कि डॉ. विवेकी राय जी अउरी साहित्यकारन खानी कागद की लेखी ना कहिके महात्मा कबीर का तरह आँखिन के देखी कहले बाड़न , जवना से उनकर निबंध पाठक पर आपन एगो विशिष्ट छाप छोड़े में सफल भइल बाड़न
s-9
f2-9
“ आंजनेय जी के एह कहनाम से सहमति जतावत चंद्रशेखर तिवारी लिखले बाड़न - ” एह संग्रह के पढ़िके ई कहल जा सकेला कि डॉ. विवेकी राय जी अउरी साहित्यकारन खानी कागद की लेखी ना कहिके महात्मा कबीर का तरह ‘ आँखिन के देखी ’ कहले बाड़न , जवना से उनकर निबंध पाठक पर आपन एगो विशिष्ट छाप छोड़े में सफल भइल बाड़न स ।
[10] tree
एह पुस्तक के प्रकाशन निश्चित रूप से भोजपुरी साहित्य के ललित निबंधन का इतिहास में एगो महत्वपूर्ण घटना
s-10
f2-10
एह पुस्तक के प्रकाशन निश्चित रूप से भोजपुरी साहित्य के ललित निबंधन का इतिहास में एगो महत्वपूर्ण घटना ह ।
[11] tree
अपना भाषाई कौशल , व्यंगात्मकता रचनात्मक दक्षता के बदउलत राय साहब के निबंध एह विधा के विकास - समृद्धि के दिसाईं मील के पाथर साबित भइलन
s-11
f2-11
“ अपना भाषाई कौशल , व्यंगात्मकता आ रचनात्मक दक्षता के बदउलत राय साहब के निबंध एह विधा के विकास - समृद्धि के दिसाईं मील के पाथर साबित भइलन स ।
[12] tree
एह संबंध में डॉ. जया पाण्डेय के साफ - साफ विचार बा - विवेकी राय जी के कुल्हि निबंध शुरू से आखिर ले व्यक्ति - व्यंजकता का रंग में रँगाइल बाड़े सन
s-12
f2-12
एह संबंध में डॉ. जया पाण्डेय के साफ - साफ विचार बा - ” विवेकी राय जी के कुल्हि निबंध शुरू से आखिर ले व्यक्ति - व्यंजकता का रंग में रँगाइल बाड़े सन ।
[13] tree
कतहीं -
s-13
f2-13
कतहीं -
[14] tree
कतहीं प्रगीतात्मक काव्य के आनंद आवता
s-14
f2-14
कतहीं प्रगीतात्मक काव्य के आनंद आवता ।
[15] tree
दोसर विशेषता बा लेखक के व्यंग्य - विनोद के प्रवृत्ति
s-15
f2-15
दोसर विशेषता बा लेखक के व्यंग्य - विनोद के प्रवृत्ति ।
[16] tree
कवनो भाषा के गद्य साहित्य जतने समृद्ध होई , भाषा ओतने विकसित मान जाले
s-16
f2-16
कवनो भाषा के गद्य साहित्य जतने समृद्ध होई , ऊ भाषा ओतने विकसित मान जाले ।
[17] tree
विवेकी राय के तमाम निबंध विकासमान बोली के भाषा के प्रौढ़ता प्रदान कइलन
s-17
f2-17
विवेकी राय के तमाम निबंध विकासमान बोली के भाषा के प्रौढ़ता प्रदान कइलन स ।
[18] tree
विवेकी राय के हिन्दी - भोजपुरी के कृतित्वे - भर आंचलिक ना रहे , उहाँ के शख्सियतो एड़ी से चोटी ले आंचलिकता से लैस रहे - सहनशीलता जीवट से लबालब भइल
s-18
f2-18
“ विवेकी राय के हिन्दी - भोजपुरी के कृतित्वे - भर आंचलिक ना रहे , उहाँ के शख्सियतो एड़ी से चोटी ले आंचलिकता से लैस रहे - सहनशीलता आ जीवट से लबालब भइल ।
[19] tree
तबे नू , अढ़ाई दशक पहिले हृदयाघात के हरु पटे विजयी भइलीं
s-19
f2-19
तबे नू , अढ़ाई दशक पहिले हृदयाघात के हरु पटे त विजयी भइलीं ।
[20] tree
सतरह साल पहिले जब पक्षाघात के शिकार दहिना अलँग कहला में ना रहल , बायाँ हाथ से लिखे के सिलसिला शुरू कऽ दिहलीं
s-20
f2-20
सतरह साल पहिले जब पक्षाघात के शिकार दहिना अलँग कहला में ना रहल , त बायाँ हाथ से लिखे के सिलसिला शुरू कऽ दिहलीं ।
[21] tree
बाकिर एह बेर उहाँ के मउवत के चुनौती कबूल ना कऽ पवलीं बाबा विश्वनाथ के नगरी काशी के अस्पताल में गंगा मइया के गोदी में आखिरी साँस लिहलीं
s-21
f2-21
बाकिर एह बेर उहाँ के मउवत के चुनौती कबूल ना कऽ पवलीं आ बाबा विश्वनाथ के नगरी काशी के अस्पताल में गंगा मइया के गोदी में आखिरी साँस लिहलीं ।
[22] tree
अतिशय सज्जनता साधुता के प्रतिमूर्ति , गँवई जिनिगी के अद्भुत चितेरा , गँवई गंध गुलाब से साहित्य - वाटिका के गमगमावे वाला मनबोध मास्टर के हमार अशेष प्रणामांजलि !
s-22
f2-22
अतिशय सज्जनता आ साधुता के प्रतिमूर्ति , गँवई जिनिगी के अद्भुत चितेरा , गँवई गंध गुलाब ’ से साहित्य - वाटिका के गमगमावे वाला ‘ मनबोध मास्टर ’ के हमार अशेष प्रणामांजलि !
[23] tree
आजु स्टाफ रूम में इंस्पेक्शन के बात एक - एक के उघरत रहे
s-23
f2-23
आजु स्टाफ रूम में इंस्पेक्शन के बात एक - एक क के उघरत रहे ।
[24] tree
हमरा प्राचार्य डॉ. संजय सिंह सेंगर जी याद गइल रहीं हम भावुक हो गइल रहीं
s-24
f2-24
हमरा प्राचार्य डॉ. संजय सिंह ‘ सेंगर ’ जी याद आ गइल रहीं आ हम भावुक हो गइल रहीं ।
[25] tree
5 जनवरी के उहाँ से खड़े - खड़े भइल आधा घंटा के बतकही के एक - एक शब्द हमरा याद रहे
s-25
f2-25
5 जनवरी के उहाँ से खड़े - खड़े भइल आधा घंटा के बतकही के एक - एक शब्द हमरा याद रहे ।
[26] tree
हमार कलिग लोग के भी आँखि भरि आइल
s-26
f2-26
हमार कलिग लोग के भी आँखि भरि आइल ।
[27] tree
भइल रहे कि सेंगर जी का विद्यालय के एगो सब - स्टाफ के दूनो किडनी फेल हो गइल
s-27
f2-27
भइल ई रहे कि सेंगर जी का विद्यालय के एगो सब - स्टाफ के दूनो किडनी फेल हो गइल ।
[28] tree
ओकरा तीन गो लइकी रही सन एकहूँ के अभी बियाह ना भइल रहे
s-28
f2-28
ओकरा तीन गो लइकी रही सन आ एकहूँ के अभी बियाह ना भइल रहे ।
[29] tree
ओह गरीब परिवार के कमाई के साधन बस ईहे नोकरी रहे
s-29
f2-29
ओह गरीब परिवार के कमाई के साधन बस ईहे नोकरी रहे ।
[30] tree
घर - परिवार नाता - रिश्ता में केहूँ अइसन ना मिलल जेकर किडनी मैच करो
s-30
f2-30
घर - परिवार आ नाता - रिश्ता में केहूँ अइसन ना मिलल जेकर किडनी मैच करो ।
[31] tree
धीरे - धीरे एह परिवार के आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गइल
s-31
f2-31
धीरे - धीरे एह परिवार के आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गइल ।
[32] tree
सेंगर जी के ब्लड ग्रुप मैच करत रहे
s-32
f2-32
सेंगर जी के ब्लड ग्रुप मैच करत रहे ।
[33] tree
बिना घरे केहू के बतवले चुपचाप आपन किडनी ओह आदमी के दान दिहले
s-33
f2-33
ऊ बिना घरे केहू के बतवले चुपचाप आपन किडनी ओह आदमी के दान क दिहले ।
[34] tree
अतने ना ओकराके तीन बोतल खूनो दिहले
s-34
f2-34
अतने ना ओकराके तीन बोतल खूनो दिहले ।
[35] tree
राज घरे तब खुलल जब उनुका सङ के पढ़ल एगो डॉक्टर घरे आइल बचपनवाला स्टाइल में मुक्का - मुक्की शुरू कइलस
s-35
f2-35
ई राज घरे तब खुलल जब उनुका सङ के पढ़ल एगो डॉक्टर घरे आइल आ बचपनवाला स्टाइल में मुक्का - मुक्की शुरू कइलस ।
[36] tree
जसहीं जगह पर छुआइल कि ओकरा मुँह से निकलल - आरे तोर किडनी ?
s-36
f2-36
जसहीं जगह पर छुआइल कि ओकरा मुँह से निकलल - आरे तोर किडनी ?
[37] tree
फेरु हंगामा शुरू
s-37
f2-37
आ फेरु त हंगामा शुरू ।
[38] tree
पत्नी के मनावे में तीन दिन लागल
s-38
f2-38
पत्नी के मनावे में तीन दिन लागल ।
[39] tree
आजु ओह आदमी के मए लइकी बियहा के ससुरा चलि गइली सन ऊहो सामान्य जीवन जी रहल बा
s-39
f2-39
आजु ओह आदमी के मए लइकी बियहा के ससुरा चलि गइली सन आ ऊहो सामान्य जीवन जी रहल बा ।
[40] tree
सेंगर जी एकदम फिटफाट रहीं
s-40
f2-40
सेंगर जी त एकदम फिटफाट रहीं ।
[41] tree
बिना कवनो लोभ के केहूँ चुपचाप अइसे मदद करे ओकरा के का कहल जाउ ?
s-41
f2-41
बिना कवनो लोभ के केहूँ चुपचाप अइसे मदद करे त ओकरा के का कहल जाउ ?
[42] tree
साधारन आदमी नाहिंए कहाई
s-42
f2-42
साधारन आदमी त नाहिंए कहाई ऊ ।
[43] tree
ओह स्टाफ के एगो दमाद जवन बेंगलुरु में इंजीनियर बाटे , फ्लाइट से कोलकाता खाली उहाँसे मिले खाती आइल रहे
s-43
f2-43
ओह स्टाफ के एगो दमाद जवन बेंगलुरु में इंजीनियर बाटे , फ्लाइट से कोलकाता खाली उहाँसे मिले खाती आइल रहे ।
[44] tree
कालिदास सर अपना एगो मित्र के अनुभव शेयर कइलीं
s-44
f2-44
कालिदास सर अपना एगो मित्र के अनुभव शेयर कइलीं ।
[45] tree
जापान गइल रहन
s-45
f2-45
ऊ जापान गइल रहन ।
[46] tree
एक दिन ट्रेन में जवन बैग लेके बइठल रहन ओकर एक ओर के थोरे सिलाई टूटल रहे
s-46
f2-46
एक दिन ट्रेन में जवन बैग लेके बइठल रहन ओकर एक ओर के थोरे सिलाई टूटल रहे ।
[47] tree
एगो जापानी नागरिक के पर नजर चलि गइल रहे
s-47
f2-47
एगो जापानी नागरिक के ओ पर नजर चलि गइल रहे ।
[48] tree
जब देखलसि कि ओने नइखन देखत अपना बैग में से निडिलवाला मशीन निकललसि उनुकर आँखि बचावत बेगवा सी दिहलसि
s-48
f2-48
ऊ जब देखलसि कि ई ओने नइखन देखत त अपना बैग में से निडिलवाला मशीन निकललसि आ उनुकर आँखि बचावत बेगवा सी दिहलसि ।
[49] tree
अभी इनकर ध्यान ओह पर जाइत कि ओकरा पहिलहीं ओकर स्टेशन गइल बिना कुछ बतवले चुपचाप उतरि गइल
s-49
f2-49
अभी इनकर ध्यान ओह पर जाइत कि ओकरा पहिलहीं ओकर स्टेशन आ गइल आ बिना कुछ बतवले चुपचाप उतरि गइल ।
[50] tree
जहाँ का बच्चा - बच्चा में एह तरह के नैतिक मूल्य भरल गइल बा ओह देश के तरक्की भला कइसे रुकी ?
s-50
f2-50
जहाँ का बच्चा - बच्चा में एह तरह के नैतिक मूल्य भरल गइल बा ओह देश के तरक्की भला कइसे रुकी ?
[51] tree
सुनील सिन्हा के स्तंभ शुक के सुनील सिन्हा जी के भेजल भोजपुरी पंचायत के कई गो पहिले के अंक मिलल
s-51
f2-51
सुनील सिन्हा के स्तंभ शुक के सुनील सिन्हा जी के भेजल “ भोजपुरी पंचायत ” के कई गो पहिले के अंक मिलल ।
[52] tree
हम दू महीना पहिले आग्रह कइले रहीं खास करके उहेंवाला स्तंभ पढ़े खातिर
s-52
f2-52
हम दू महीना पहिले आग्रह कइले रहीं खास करके उहेंवाला स्तंभ पढ़े खातिर ।
[53] tree
उहाँके स्तंभ आत्म - विश्वास हम बहुत चाव से पढ़ींले
s-53
f2-53
उहाँके स्तंभ “ आत्म - विश्वास ” हम बहुत चाव से पढ़ींले ।
[54] tree
ओकर एक - एक बात जइसे हमरा मन का गहराई में उतरत जाला , काहेंकि एह प्रक्रिया में हमार पूरा विश्वास बाटे
s-54
f2-54
ओकर एक - एक बात जइसे हमरा मन का गहराई में उतरत जाला , काहेंकि एह प्रक्रिया में हमार पूरा विश्वास बाटे ।
[55] tree
एकरा पीछा ईहो एगो कारन हो सकेला कि दू साल पहिले हम गोवा जाके लीडरशिप के ट्रेनिंग लेले रहीं
s-55
f2-55
एकरा पीछा ईहो एगो कारन हो सकेला कि दू साल पहिले हम गोवा जाके लीडरशिप के ट्रेनिंग लेले रहीं ।
[56] tree
अबहिंयो याद बा जब हमनीके मए साथी का मुँह से ईहे निकलल रहे कि कम से कम एक हप्ता अउर ट्रेनिंग के अवधि बढ़ि गइल रहित
s-56
f2-56
अबहिंयो याद बा जब हमनीके मए साथी का मुँह से ईहे निकलल रहे कि कम से कम एक हप्ता अउर ट्रेनिंग के अवधि बढ़ि गइल रहित ।
[57] tree
रोज सात घंटा के पढाई होखे
s-57
f2-57
रोज सात घंटा के पढाई होखे ।
[58] tree
बीच में खाली एक घंटा के ब्रेक
s-58
f2-58
बीच में खाली एक घंटा के ब्रेक ।
[59] tree
पढाई हमनी के अतना भावल कि ओह दौरान केहूँ के मोबाइल ऑन ना रहत रहे , ढेर से ढेर साइलेंट मोड में टॉयलेट जाए के केहूँ नाँवे ना लेइ , डर रहे कि कुछ छूटि जाई
s-59
f2-59
पढाई हमनी के अतना भावल कि ओह दौरान केहूँ के मोबाइल ऑन ना रहत रहे , ढेर से ढेर साइलेंट मोड में आ टॉयलेट जाए के त केहूँ नाँवे ना लेइ , डर रहे कि कुछ छूटि जाई ।
[60] tree
हमनी के अतना विश्वास हो गइल रहे कि कवनो विद्यार्थी के आसानी से पटरी पर ले आइल जा सकता , संसार के कवनो रोग से बिना दवा खइले छुटकारा पावल जा सकता , ढंग से काउंसिलिंग दिहल जाव केहू आत्महत्या ना करी कबो
s-60
f2-60
हमनी के अतना विश्वास हो गइल रहे कि कवनो विद्यार्थी के आसानी से पटरी पर ले आइल जा सकता , संसार के कवनो रोग से बिना दवा खइले छुटकारा पावल जा सकता , ढंग से काउंसिलिंग क दिहल जाव त केहू आत्महत्या ना करी कबो ।
[61] tree
हमरा एह बात पर सभ विश्वास ना कर पाई , हम जानतानी बाकिर हमरा विश्वास में आजुओ कवनो कमी नइखे आइल
s-61
f2-61
हमरा एह बात पर सभ विश्वास ना कर पाई , ई हम जानतानी बाकिर हमरा विश्वास में आजुओ कवनो कमी नइखे आइल ।
[62] tree
फेरु फगुआ बदनाम होई
s-62
f2-62
फेरु फगुआ बदनाम होई ।
[63] tree
फगुआ जइसे - जइसे नगिचात जाता , हमार साँस फूलल जाता
s-63
f2-63
फगुआ जइसे - जइसे नगिचात जाता , हमार साँस फूलल जाता ।
[64] tree
फेरु फगुआ बदनाम होई
s-64
f2-64
फेरु फगुआ बदनाम होई ।
[65] tree
रंग में हई गड़बड़ी होले मिठाई हइसे बनतारी सन आजु - काल्हु
s-65
f2-65
रंग में हई गड़बड़ी होले त मिठाई हइसे बनतारी सन आजु - काल्हु ।
[66] tree
अब फूहर गाना बाजे शुरू हो जाई
s-66
f2-66
अब फूहर गाना बाजे शुरू हो जाई ।
[67] tree
हमरा आजु तक ना बुझाइल कि हमनी का खाली टिप्पणिए देबे खातिर पैदा भइल बानी जा कि कुछु करबो करबि जा
s-67
f2-67
हमरा आजु तक ना बुझाइल कि हमनी का खाली टिप्पणिए देबे खातिर पैदा भइल बानी जा कि कुछु करबो करबि जा ।
[68] tree
बाजारू रंग लगवला के बहुत नुकसान बा महङा रंग जे कीन सकता , दू चुटकी अबीरे से काम चला लेला भा छी - मानुख में ओकर होली निकलि जाले
s-68
f2-68
बाजारू रंग लगवला के बहुत नुकसान बा आ महङा रंग जे कीन सकता , ऊ दू चुटकी अबीरे से काम चला लेला भा छी - मानुख में ओकर होली निकलि जाले ।
[69] tree
लोग रंग खेलल छोड़ि देसु ?
s-69
f2-69
त लोग रंग खेलल छोड़ि देसु ?
[70] tree
रंगे से होली हटे किसिम किसिम का रंगे से जिनिगी बनेले
s-70
f2-70
रंगे से त होली हटे आ किसिम किसिम का रंगे से त जिनिगी बनेले ।
[71] tree
फेरु प्रिंट से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक के मन - मिजाज एक हप्ता पहिलहीं से सत्यानाशी भाषणबाजी से काहें रङा जाला ?
s-71
f2-71
फेरु प्रिंट से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक के मन - मिजाज एक हप्ता पहिलहीं से सत्यानाशी भाषणबाजी से काहें रङा जाला ?
[72] tree
अतने बा तथाकथित बुद्धिजीवी लोग के दुअरा - दुअरा जाके लोगन के ज्ञान चक्षु खोलेके चाहीं
s-72
f2-72
अतने बा त तथाकथित बुद्धिजीवी लोग के दुअरा - दुअरा जाके लोगन के ज्ञान चक्षु खोलेके चाहीं ।
[73] tree
खाली मुँह के खुजली मिटवला से कुछु ना बदली , थोरे टाइम निकालहीं के परी नवका पीढ़ी के फेसो करेके परी
s-73
f2-73
खाली मुँह के खुजली मिटवला से कुछु ना बदली , थोरे टाइम त निकालहीं के परी आ नवका पीढ़ी के फेसो करेके परी ।
[74] tree
लेखको लोग सवाल का घेरा में नीमन ना कहाई कि लेखको लोग अब सवाल का घेरा में आवे लगलन
s-74
f2-74
लेखको लोग सवाल का घेरा में ई नीमन ना कहाई कि लेखको लोग अब सवाल का घेरा में आवे लगलन ।
[75] tree
का भइल कि जब देश में सब ठीकठाक बा केहूँ के अनकस बरे लागता तनिक चिंताजनक भइला पर बिल्कुल मौन माने सभ नीमन चल रहल बा
s-75
f2-75
ई का भइल कि जब देश में सब ठीकठाक बा त केहूँ के अनकस बरे लागता आ तनिक चिंताजनक भइला पर बिल्कुल मौन माने सभ नीमन चल रहल बा ।
[76] tree
जेकर गतिविधि राष्ट्रीय सुरक्षा का खिलाफ बाइ , ओकरा सङे बानी अपने सभ जेकरा के देश थू - थू कर रहल बा ओकरा बाहबाही में राउर कलम कवनो कोर - कसर नइखे छोड़त
s-76
f2-76
जेकर गतिविधि राष्ट्रीय सुरक्षा का खिलाफ बाइ , ओकरा सङे बानी अपने सभ आ जेकरा के देश थू - थू कर रहल बा ओकरा बाहबाही में राउर कलम कवनो कोर - कसर नइखे छोड़त ।
[77] tree
अउर अउर , जेकरा अनुशासनहीनता के दुष्प्रभाव देश भर के छात्रन पर पड़ रहल बा ओकरा के महिमामंडित करे में रउरा तनिको आहस ना लागे
s-77
f2-77
अउर त अउर , जेकरा अनुशासनहीनता के दुष्प्रभाव देश भर के छात्रन पर पड़ रहल बा ओकरा के महिमामंडित करे में रउरा तनिको आहस ना लागे ।
[78] tree
बताईं ईहे लेखक के धर्म हटे ?
s-78
f2-78
बताईं ईहे लेखक के धर्म हटे ?
[79] tree
रउरा एही स्वाभिमान के सम्मान होखेके चाहीं ?
s-79
f2-79
रउरा एही स्वाभिमान के सम्मान होखेके चाहीं ?
[80] tree
सभ जानता कि तरह-तरह के तर्क बनाम गलथेथई से कुछ बने ना , बिगड़बे करेला
s-80
f2-80
ई सभ जानता कि तरह-तरह के तर्क बनाम गलथेथई से कुछ बने ना , बिगड़बे करेला ।
[81] tree
हमरा खयाल से हमनी सभ लेखकन के राजनीति गोलबंदी से अलगे रहेके चाहीं
s-81
f2-81
हमरा खयाल से हमनी सभ लेखकन के राजनीति आ गोलबंदी से अलगे रहेके चाहीं ।
[82] tree
आजुओ लेखक लोगन पर से लोगन के भरोसा नइखे हटल
s-82
f2-82
आजुओ लेखक लोगन पर से लोगन के भरोसा नइखे हटल ।
[83] tree
तथाकथित अश्लीलता एह घरी भोजपुरी के बहुत बिचित्र स्थिति हो गइल बा
s-83
f2-83
तथाकथित अश्लीलता एह घरी भोजपुरी के बहुत बिचित्र स्थिति हो गइल बा ।
[84] tree
जेकरे मन आवता अश्लील कहि देता भा दागदार बता देता
s-84
f2-84
जेकरे मन आवता ऊ अश्लील कहि देता भा दागदार बता देता ।
[85] tree
एह विषय पर ना चाहते हुए भी हमहूँ लिखलीं परिचर्चो आयोजित कइलीं
s-85
f2-85
एह विषय पर ना चाहते हुए भी हमहूँ लिखलीं आ परिचर्चो आयोजित कइलीं ।
[86] tree
सोचलीं कि सत्य का ग्यान भइला का बाद कुल्हि बंद हो जाई बाकिर काहेंके ?
s-86
f2-86
सोचलीं कि सत्य का ग्यान भइला का बाद ई कुल्हि बंद हो जाई बाकिर काहेंके ?
[87] tree
कुछ लोग बाकायदा झंडा उठाके चल देले बाड़न बिना जनले कि अश्लीलता के पैमाना का होई ?
s-87
f2-87
कुछ लोग त बाकायदा झंडा उठाके चल देले बाड़न बिना ई जनले कि अश्लीलता के पैमाना का होई ?
[88] tree
भोजपुरी बीर बहादुर लोगन के भाषा हटे
s-88
f2-88
भोजपुरी बीर आ बहादुर लोगन के भाषा हटे ।
[89] tree
गारी -
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f2-89
गारी -
[90] tree
गलौज शृंगारिक हँसी - मजाक भोजपुरी के सुभाव हटे सभ भोजपुरिया के ताकत
s-90
f2-90
गलौज आ शृंगारिक हँसी - मजाक भोजपुरी के सुभाव हटे आ ई सभ भोजपुरिया के ताकत ह ।
[91] tree
सुनतानी कि कहीं - कहीं सरकारी फरमानो जारी होखे लागल बा आउर कुछ लोग कानूने बनवावे पर आमादा हो गइल बाड़न
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f2-91
सुनतानी कि कहीं - कहीं सरकारी फरमानो जारी होखे लागल बा आउर कुछ लोग त कानूने बनवावे पर आमादा हो गइल बाड़न ।
[92] tree
कहीं अइसन मत होखे कि एंटीबायोटिक का प्रयोग से ऊहो बैक्टीरिया मरि जा सन जवन हमनीके शरीर का सहज सुभाव के रक्षा करेलन
s-92
f2-92
कहीं अइसन मत होखे कि एंटीबायोटिक का प्रयोग से ऊहो बैक्टीरिया मरि जा सन जवन हमनीके शरीर का सहज सुभाव के रक्षा करेलन स ।
[93] tree
एही विषय पर बक्सर में एक बेर मनोज चौबे जी से बात होत रहे
s-93
f2-93
एही विषय पर बक्सर में एक बेर मनोज चौबे जी से बात होत रहे ।
[94] tree
उहाँका कहलीं कि आजु - काल्हु एकर झंडा उठाके जेतना लोग चल रहल बा ओहमें ऊहो लोग शामिल बा जे एह समस्या का मूल में बा
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f2-94
उहाँका कहलीं कि आजु - काल्हु एकर झंडा उठाके जेतना लोग चल रहल बा ओहमें ऊहो लोग शामिल बा जे एह समस्या का मूल में बा ।
[95] tree
ओह तथाकथित साफ - सुथरा गायक लोग से भी पूछल जाएके चाहीं कि भोजपुरी गायकी में चोली - साया लेके के आइल
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f2-95
ओह तथाकथित साफ - सुथरा गायक लोग से भी पूछल जाएके चाहीं कि भोजपुरी गायकी में “ चोली - साया ” लेके के आइल ।
[96] tree
हमार माथा ठनकल
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f2-96
हमार माथा ठनकल ।
[97] tree
ईहो अपना के निउज में बनवले राखेके एगो जरिया हो गइल बा ?
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f2-97
त ईहो अपना के निउज में बनवले राखेके एगो जरिया हो गइल बा ?
[98] tree
फुहरकम केहूँ के नीक ना लागे , कवनो जुग में नइखे लागल हमरा काहें लागी , बाकिर एक बेरि हिंदियो गीतन पर ध्यान दीहल जाव , जवन घर - घर में लइका - लइकी सुनतारे सन
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f2-98
फुहरकम केहूँ के नीक ना लागे , कवनो जुग में नइखे लागल त हमरा काहें लागी , बाकिर एक बेरि हिंदियो गीतन पर त ध्यान दीहल जाव , जवन घर - घर में लइका - लइकी सुनतारे सन ।
[99] tree
हम जानतानी कि ओहिजा रउरा अबस बानी , राउर कवनो कंट्रोल नइखे
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f2-99
हम जानतानी कि ओहिजा रउरा अबस बानी , राउर कवनो कंट्रोल नइखे ।
[100] tree
ढेर से ढेर रउँआ एगो सेफ कमेंट मारबि - पता ना आजु - काल्हु के लइका का सुनतारे सन , हमनी का बेर भिखारी ठाकुर के बिदेशिया महेंदर मिसिर के पुरबी के कवनो जोड़े ना रहे ( भोजपुरी के बात करबि तब ) नाहीं रफी , मुकेश , लता आदि के नाँव लेबि आँखि बचाइबि
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f2-100
ढेर से ढेर रउँआ एगो सेफ कमेंट मारबि - “ पता ना आजु - काल्हु के लइका का सुनतारे सन , हमनी का बेर त भिखारी ठाकुर के बिदेशिया आ महेंदर मिसिर के पुरबी के कवनो जोड़े ना रहे ( भोजपुरी के बात करबि तब ) नाहीं त रफी , मुकेश , लता आदि के नाँव लेबि आ आँखि बचाइबि ।

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