s-102
| यहाँ आधुनिक शैली का स्मारक बना है । |
s-103
| वर्तमान में इसमें पाँच मातृकाएँ स्थापित हैं । |
s-104
| निःसंदेह वे पहले नौ रही होंगी । |
s-105
| केदारनाथ में अनेक नाकविहीन मूर्तियों के विग्रह बिखरे पड़े हैं । |
s-106
| यहाँ से लगभग 1 किमी दूरी पर चौर सरोवर अपने गहरे और नीले जल के कारण पर्यटकों के लिए आकर्षण स्थल है । |
s-107
| यहाँ महात्मा गाँधी की अस्थि विसर्जन किए जाने से इसे गाँधी स्मारक भी कहते हैं । |
s-108
| पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की कश्मीर नीति की तल्ख आलोचना की है । |
s-109
| उन्होंने कहा है कि पाक सरकार की लचर कश्मीर नीति के कारण यह मुद्दा पाकिस्तान के हाथ से लगभग निकल चुका है । |
s-110
| नवाज शरीफ ने जेद्दा में एक अमेरिकी टेलीविजन चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी सरकार भारत से समान संप्रभु भागीदार की हैसियत से बातचीत करती थी, लेकिन परवेज मुशर्रफ की नीति इसके उलट है । |
s-111
| मुशर्रफ की पाकिस्तान नीति लचर रही है । |
s-112
| पाकिस्तान की नीति में अस्थिरता है । |
s-113
| इससे पाकिस्तान की साख कमजोर होती जा रही है । |
s-114
| उन्होंने मुशर्रफ पर एजेंडा बदलने और पीछे हटने का आरोप भी लगाया । |
s-115
| उन्होंने चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि अमेरिका के दबाव के बावजूद भारत के परमाणु परीक्षण के जवाब में उनकी सरकार ने परमाणु परीक्षण किया था । |
s-116
| अमेरिका ने तब उन पर परमाणु परीक्षण नहीं करने के लिए दबाव बनाया था, लेकिन देश के संप्रभु चरित्र की रक्षा के लिए उन्होंने अमेरिकी दबाव की अनदेखी की । |
s-117
| उन्होंने यह भी कहा कि तब तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने खुद अपनी मर्जी से लाहौर की यात्रा की थी और लाहौर घोषणा पर हस्ताक्षर हुआ था । |
s-118
| इसमें कश्मीर समस्या का भी जिक्र था । |
s-119
| शरीफ ने कहा कि तब वाजपेयी ने मुझसे कहा था कि वे वर्ष, १९९९ को कश्मीर समस्या के समाधान वर्ष के रूप में याद करना चाहेंगे । |
s-120
| अब स्थिति बिल्कुल अलग है । |
s-121
| अब तो मुशर्रफ एक बयान देते हैं और अगले दिन उस पर पलट जाते हैं । |
s-122
| ऐसे में कश्मीर पर हमारा दृष्टिकोण कमजोर हुआ है और यह मुद्दा एक तरह से हमारे हाथ से निकल गया है । |
s-123
| शरीफ का यह भी कहना है कि पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिकों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाना गलत है । |
s-124
| उन्होंने कहा कि इसके पीछे पाकिस्तान और उसके परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाने का उद्देश्य छिपा हुआ है । |
s-125
| ऐसा पाकिस्तान बाहरी दबाव में कर रहा है । |
s-126
| उन्होंने इससे इनकार किया कि अपने निर्वासन के दौरान उन्होंने मुशर्रफ के साथ कोई सौदेबाजी की थी । |
s-127
| उन्होंने कहा कि मुशर्रफ की सरकार ने तब सौदेबाजी करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया था । |
s-128
| कांची मठ के परमाचार्य चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती का वार्षिक आराधना समारोह शुक्रवार को शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती की गैरमौजूदगी में संपन्न हो गया । |
s-129
| यह पहला मौका है, जब समारोह की अध्यक्षता के लिए जयेंद्र सरस्वती उपस्थित नहीं थे । |
s-130
| शंकररमन हत्याकांड के सिलसिले में ११ नवंबर को गिरफ्तार होने के बाद से शंकराचार्य न्यायिक हिरासत में हैं और वेल्लूर जेल में बंद हैं । |
s-131
| यज्ञों, वैदिक मंत्रों और विद्वानों को अलंकृत करने के बीच यह समारोह तीन दिन तक चला और शुक्रवार को मठ के अंदर स्थित समाधि में श्रद्धालुओं के बीच आराधना और पूजा के साथ संपन्न हुआ । |
s-132
| परमाचार्य के दिसंबर १९९३ में मुक्ति प्राप्त करने के बाद से हर वर्ष आराधना समारोह आयोजित किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं । |
s-133
| हालांकि इस बार जयेंद्र सरस्वती की गैरमौजूदगी मौके पर मौजूद विशिष्ट व्यक्तियों के बीच चर्चा का विषय जरूर रही, लेकिन देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं देखी गई । |
s-134
| समारोह के दौरान कनिष्ठ आचार्य विजयेंद्र सरस्वती ने यज्ञ और भजन के बाद पूर्ण आहुति देने के बाद स्वर्ण कलश ग्रहण किया । |
s-135
| मौके पर मौजूद कर्नाटक के एक मठ पीठाधिपति के स्वर्णाहल्ली स्वामी ने आदिस्थानम को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की । |
s-136
| संसदीय कमेटी ने बजट पर बढ़ती निर्भरता के लिए रेलवे की निंदा की है । |
s-137
| कमेटी का सुझाव है कि देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम रेलवे को अपने रुख में बदलाव करते हुए उपभोक्ता के लिए सरल और बाजारोन्मुखी बनना होगा । |
s-138
| इससे वह एक वाणिज्यिक उपक्रम होने के नाते बजट पर अधिक निर्भर न रहकर अपने संसाधन खुद जुटा सकेगा । |
s-139
| लोकसभा में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में कमेटी का कहना है कि रेलवे को केंद्रीय मदद अब ५० फीसदी से भी अधिक मिलने लगी है । |
s-140
| एक व्यापारिक उपक्रम होने के कारण सबसे पहले रेलवे को अपनी योजना के वित्त का भी प्रबंध करना चाहिए और परियोजनाओं को आंतरिक स्रोतों से पूरा करना चाहिए । |
s-141
| योजना आयोग की राय पर गौर करते हुए कमेटी ने कहा है कि असली समस्या रेलवे को मिलने वाली कुल आर्थिक मदद नहीं है । |
s-142
| बल्कि, आंतरिक व अतिरिक्त बजटीय मदद का न होना ही इसकी मुख्य समस्या है । |
s-143
| दसवीं योजना के दौरान सरकार रेलवे को २७,६०० करोड़ रुपये की बजटीय सहायता को मंजूरी दे चुकी है । |
s-144
| इस योजना की ७० फीसदी रकम पहले तीन सालों में ही उपलब्ध कराई जा चुकी है । |
s-145
| १४ सदस्यीय इस कमेटी की अध्यक्षता बासुदेव आचार्य ने की । |
s-146
| अपने तर्क के समर्थन में उन्होंने योजना आयोग के नजरिए का उल्लेख करते हुए कहा कि ट्रैकों की लंबाई, वृहद क्षेत्रफल और भारी आबादी को देखते हुए चीन और भारत की रेल प्रणाली में खासी समानताएं हैं । |
s-147
| जबकि, चीन में बजट से पूरा किए जाने वाला रेलवे का खर्च सिर्फ ११ फीसदी है । |
s-148
| जबकि भारत में यह रकम ५० फीसदी हो जाती है । |
s-149
| चीन के पास बजट के अलावा अतिरिक्त संसाधनों की भरमार है । |
s-150
| वह आंतरिक संसाधनों के जरिए ५७ फीसदी रकम का प्रबंध करता है और बाजार से ३२ फीसदी रकम हासिल करता है । |
s-151
| हालांकि भारत के मामले में यह क्रमशः २४ और २२ प्रतिशत ही है । |
s-152
| इसलिए भारत में रेलवे के सभी कार्यक्रम और योजनाएं तकरीबन पूरी तरह से सरकार से मिलने वाले बजट पर ही निर्भर हैं । |
s-153
| इसके बजाय भारत को अब धीरे - धीरे स्वपोषित वाणिज्यिक प्रणाली की ओर बढ़ना चाहिए । |
s-154
| बजट का प्रावधान केवल उन क्षेत्रों तक ही सीमित होना चाहिए जो कि वाणिज्यिक संस्थान प्रायोजित नहीं करना चाहता । |
s-155
| खुफिया ब्यूरो के निदेशक पद की दौड़ में शामिल वरिष्ठ अधिकारी एन. सी. पाधी को सचिव (सुरक्षा) नियुक्त किया गया है । |
s-156
| मध्यप्रदेश कैडर से १९६८ बैच के आईपीएस अधिकारी पाधी खुफिया ब्यूरो (आईबी) प्रमुख पद के प्रबल दावेदारों में से एक थे । |
s-157
| नियुक्तियों को लेकर मंत्रिमंडल समिति ने ३१ मई को सुधीर कुमार के रिटायर होने के बाद सचिव (सुरक्षा) पद पर पाधी की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है । |
s-158
| पाधी का कार्यकाल अगले वर्ष जुलाई तक होगा । |
s-159
| सरकार के इस फैसले से बिहार से १९७० बैच के आईपीएस अधिकारी पी. सी. हलधर खुफिया ब्यूरो के अगले निदेशक के प्रबल दावेदार हो गए हैं । |
s-160
| ब्यूरो के निदेशक ई. एस. एल. नरसिम्हन इस वर्ष ३० नवंबर को रिटायर होंगे । |
s-161
| केंद्र सरकार कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका के तीनों अंगों को लोकपाल के दायरे में लाने पर विचार कर रही है । |
s-162
| राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्य न्यायाधीश को इससे बाहर रखा जाएगा । |
s-163
| जनशिकायतों की सुनवाई को नए लोकपाल विधेयक में सबसे ज्यादा तरजीह दी जाएगी । |
s-164
| सरकार ने इसके विभिन्न पहलुओं पर विचार के लिए समिति गठित की है । |
s-165
| लोकपाल को सक्षम पुलिस व सीबीआई जैसी एजेंसी का समर्थन दिए जाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं । |
s-166
| कानून व न्याय मंत्री हंसराज भारद्वाज के मुताबिक सरकार कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका को लोकपाल के जरिए ज्यादा कार्यक्षम व बेदाग बनाना चाहती है । |
s-167
| जेएमएम प्रकरण के बाद संसद सदस्यों व निर्वाचित प्रतिनिधियों को लोक सेवक करार दिया जा चुका है और उनसे उसी किस्म की ईमानदारी की उम्मीद की जाती है । |
s-168
| न्यायाधीशों के पास जांच की पर्याप्त एजेंसी नहीं होती । |
s-169
| अब जनता में यह महसूस किया जाने लगा है कि न्यायाधीशों के मामले में भी जांच व दंड का प्रावधान होना चाहिए । |
s-170
| जब उनसे पूछा गया कि लोकपाल के दायरे में न्यायपालिका को लाने के मुद्दे पर क्या भारत के प्रधान न्यायाधीश से राय ली जाएगी? |
s-171
| उन्होंने कहा कि मंत्रियों की समिति न्यायाधीश की राय नहीं लेगी और स्वतंत्र रूप से अपने सुझाव देगी । |
s-172
| भारद्वाज ने यह घोषणा की कि मंत्रियों की इस समिति की अध्यक्षता रक्षा मंत्री प्रणव मुखर्जी करेंगे । |
s-173
| इसमें स्वयं उनके और विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल के अलावा चार से पांच मंत्री रहेंगे । |
s-174
| उल्लेखनीय है कि एनडीए सरकार ने लोकपाल की दिशा में काफी प्रयास किए और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व उनके कई वरिष्ठ साथियों ने प्रधानमंत्री को भी लोकपाल के दायरे में रखने का प्रयास किया था । |
s-175
| भारद्वाज के मुताबिक 'प्रणव मुखर्जी की कमेटी ने उस समय भी प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे से बाहर रखने का सुझाव दिया था । |
s-176
| डॉ. मनमोहन सिंह ने तो प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने का कई बार समर्थन किया है । |
s-177
| लेकिन हम लोगों का मानना है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश को कम से कम इससे बाहर होना चाहिए । |
s-178
| प्रधानमंत्री को केवल संसद के प्रति ही उत्तरदायी होना चाहिए और राष्ट्रपति पर तो कोई बहस भी नहीं होनी चाहिए |
s-179
| भारद्वाज का मानना है कि जजों के बारे में न्यायपालिका किसी जल्दी में नहीं दिखती । |
s-180
| इसलिए सरकार ने तय किया है कि इस बारे में सभी के लिए समान कानून लाया जाए । |
s-181
| जिसमें लोगों को यह जानने का हक भी मिले कि किसी प्रकरण की स्थिति क्या चल रही है? |
s-182
| लोकपाल के जरिए ही भ्रष्ट जजों के महाभियोग की प्रक्रिया को भी तय किया जाएगा । |
s-183
| हालांकि प्रशासनिक पदों पर भ्रष्टाचार पर निगाह रखने के लिए मुख्य सतर्कता आयोग (सीवीसी) का पद हाल ही में सृजित किया गया था । |
s-184
| भारद्वाज का मानना है कि सीवीसी सीबीआई के निदेशक और प्रवर्तन निदेशालय के निदेशकों की नियुक्ति का अनुमोदन करने का अधिकार रखता है, लेकिन उसके पास उतने कानूनी अधिकार नहीं हैं । |
s-185
| संसद सदस्यों के मामले में भी अब तक संसदीय समिति या स्पीकर के जरिए जांच हुई है लेकिन उनके लिए भी कोई ठोस कानूनी उपाय नहीं है । |
s-186
| भारद्वाज का कहना है कि वह व्यापक लोकपाल विधेयक के जरिए इसे संपूर्ण बनाना चाहते हैं जिसमें आम लोग भी प्रशासनिक स्तर पर अपने काम रुकने या भ्रष्टाचार की शिकायतें कर सकें । |
s-187
| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने टाटा टेलीसर्विस लिमिटेड और रिलायंस इंफोकॉम लिमिटेड द्वारा फिक्सड वायरलेस फोन को वॉकी और अनलिमिटेड कार्डलेस फोन बताने पर कड़ा रुख अपनाया है । |
s-188
| प्राधिकरण ने दोनों कंपनियों से फिक्सड वायरलेस फोन के 'वॉकी' और 'अनलिमिटेड कार्डलेस' फोन की तरह प्रचारित करने वाले विज्ञापनों को हटाने को कहा है । |
s-189
| प्राधिकरण ने इसके लिए १३ जनवरी तक दोनों पक्षों से जवाब देने को कहा है । |
s-190
| ट्राई को कई शिकायतें मिली थी कि दूरसंचार सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनियां टाटा टेलीसर्विस और रिलायंस इंफोकॉम अपने फिक्सड वायरलेस फोन सेवा का इस तरह से प्रचार कर रही हैं कि इन सेवाओं के मोबाइल के समान होने का भ्रम होता है । |
s-191
| कंपनियां इसके एवज में एसेस डेफिसिट चार्ज यानि एडीसी ले रही हैं, जबकि यह फिक्सड वायरलेस फोन है । |
s-192
| गौरतलब है कि लोकल फिक्सड फोन पर एडीसी नहीं देनी पड़ती है । |
s-193
| जबकि मोबाइल पर यह दर लागू होती है । |
s-194
| दूरसंचार सेवा मुहैया कराने वाली टाटा टेलिसर्विस लिमिटेड और रिलायंस इंफोकॉम ने बाजार में कुछ समय पहले फिक्सड वायरलेस फोन उतारे थे । |
s-195
| ट्राई द्वारा यह आदेश दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम १९९७ की धारा १३ और ११ (१) (बी) के तहत दिया गया है । |
s-196
| यदि आप मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं, तो सतर्क हो जाएं । |
s-197
| आपके सेलफोन पर वायरस हमला कर सकते हैं । |
s-198
| मोबाइल फोन की स्क्रीन पर फ्लैश होने वाले 'अनबिलिवेबल' और 'ऐस' नाम के ये वायरस आपके हैंडसेट को क्षति पहुंचा सकते हैं । |
s-199
| भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने यह चेतावनी जारी करते हुए कहा कि नए मोबाइल फोन पर वायरस से आने वाली ऐसी कॉल, हैंडसेट को क्षति पहुंचा सकती हैं । |
s-200
| सूत्रों का कहना है कि मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को १२ अंकों वाली कॉल भी नहीं लेनी चाहिए । |
s-201
| यह भी फोन वायरस हो सकता है । |