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Universal Dependencies - Hindi - HDTB

LanguageHindi
ProjectHDTB
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AnnotationBhat, Riyaz Ahmad; Zeman, Daniel

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s-101 इस ढेर के पीछे शंकराचार्य का समाधि स्थल है
s-102 यहाँ आधुनिक शैली का स्मारक बना है
s-103 वर्तमान में इसमें पाँच मातृकाएँ स्थापित हैं
s-104 निःसंदेह वे पहले नौ रही होंगी
s-105 केदारनाथ में अनेक नाकविहीन मूर्तियों के विग्रह बिखरे पड़े हैं
s-106 यहाँ से लगभग 1 किमी दूरी पर चौर सरोवर अपने गहरे और नीले जल के कारण पर्यटकों के लिए आकर्षण स्थल है
s-107 यहाँ महात्मा गाँधी की अस्थि विसर्जन किए जाने से इसे गाँधी स्मारक भी कहते हैं
s-108 पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की कश्मीर नीति की तल्ख आलोचना की है
s-109 उन्होंने कहा है कि पाक सरकार की लचर कश्मीर नीति के कारण यह मुद्दा पाकिस्तान के हाथ से लगभग निकल चुका है
s-110 नवाज शरीफ ने जेद्दा में एक अमेरिकी टेलीविजन चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी सरकार भारत से समान संप्रभु भागीदार की हैसियत से बातचीत करती थी, लेकिन परवेज मुशर्रफ की नीति इसके उलट है
s-111 मुशर्रफ की पाकिस्तान नीति लचर रही है
s-112 पाकिस्तान की नीति में अस्थिरता है
s-113 इससे पाकिस्तान की साख कमजोर होती जा रही है
s-114 उन्होंने मुशर्रफ पर एजेंडा बदलने और पीछे हटने का आरोप भी लगाया
s-115 उन्होंने चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि अमेरिका के दबाव के बावजूद भारत के परमाणु परीक्षण के जवाब में उनकी सरकार ने परमाणु परीक्षण किया था
s-116 अमेरिका ने तब उन पर परमाणु परीक्षण नहीं करने के लिए दबाव बनाया था, लेकिन देश के संप्रभु चरित्र की रक्षा के लिए उन्होंने अमेरिकी दबाव की अनदेखी की
s-117 उन्होंने यह भी कहा कि तब तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने खुद अपनी मर्जी से लाहौर की यात्रा की थी और लाहौर घोषणा पर हस्ताक्षर हुआ था
s-118 इसमें कश्मीर समस्या का भी जिक्र था
s-119 शरीफ ने कहा कि तब वाजपेयी ने मुझसे कहा था कि वे वर्ष, १९९९ को कश्मीर समस्या के समाधान वर्ष के रूप में याद करना चाहेंगे
s-120 अब स्थिति बिल्कुल अलग है
s-121 अब तो मुशर्रफ एक बयान देते हैं और अगले दिन उस पर पलट जाते हैं
s-122 ऐसे में कश्मीर पर हमारा दृष्टिकोण कमजोर हुआ है और यह मुद्दा एक तरह से हमारे हाथ से निकल गया है
s-123 शरीफ का यह भी कहना है कि पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिकों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाना गलत है
s-124 उन्होंने कहा कि इसके पीछे पाकिस्तान और उसके परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाने का उद्देश्य छिपा हुआ है
s-125 ऐसा पाकिस्तान बाहरी दबाव में कर रहा है
s-126 उन्होंने इससे इनकार किया कि अपने निर्वासन के दौरान उन्होंने मुशर्रफ के साथ कोई सौदेबाजी की थी
s-127 उन्होंने कहा कि मुशर्रफ की सरकार ने तब सौदेबाजी करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया था
s-128 कांची मठ के परमाचार्य चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती का वार्षिक आराधना समारोह शुक्रवार को शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती की गैरमौजूदगी में संपन्न हो गया
s-129 यह पहला मौका है, जब समारोह की अध्यक्षता के लिए जयेंद्र सरस्वती उपस्थित नहीं थे
s-130 शंकररमन हत्याकांड के सिलसिले में ११ नवंबर को गिरफ्तार होने के बाद से शंकराचार्य न्यायिक हिरासत में हैं और वेल्लूर जेल में बंद हैं
s-131 यज्ञों, वैदिक मंत्रों और विद्वानों को अलंकृत करने के बीच यह समारोह तीन दिन तक चला और शुक्रवार को मठ के अंदर स्थित समाधि में श्रद्धालुओं के बीच आराधना और पूजा के साथ संपन्न हुआ
s-132 परमाचार्य के दिसंबर १९९३ में मुक्ति प्राप्त करने के बाद से हर वर्ष आराधना समारोह आयोजित किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं
s-133 हालांकि इस बार जयेंद्र सरस्वती की गैरमौजूदगी मौके पर मौजूद विशिष्ट व्यक्तियों के बीच चर्चा का विषय जरूर रही, लेकिन देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं देखी गई
s-134 समारोह के दौरान कनिष्ठ आचार्य विजयेंद्र सरस्वती ने यज्ञ और भजन के बाद पूर्ण आहुति देने के बाद स्वर्ण कलश ग्रहण किया
s-135 मौके पर मौजूद कर्नाटक के एक मठ पीठाधिपति के स्वर्णाहल्ली स्वामी ने आदिस्थानम को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की
s-136 संसदीय कमेटी ने बजट पर बढ़ती निर्भरता के लिए रेलवे की निंदा की है
s-137 कमेटी का सुझाव है कि देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम रेलवे को अपने रुख में बदलाव करते हुए उपभोक्ता के लिए सरल और बाजारोन्मुखी बनना होगा
s-138 इससे वह एक वाणिज्यिक उपक्रम होने के नाते बजट पर अधिक निर्भर रहकर अपने संसाधन खुद जुटा सकेगा
s-139 लोकसभा में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में कमेटी का कहना है कि रेलवे को केंद्रीय मदद अब ५० फीसदी से भी अधिक मिलने लगी है
s-140 एक व्यापारिक उपक्रम होने के कारण सबसे पहले रेलवे को अपनी योजना के वित्त का भी प्रबंध करना चाहिए और परियोजनाओं को आंतरिक स्रोतों से पूरा करना चाहिए
s-141 योजना आयोग की राय पर गौर करते हुए कमेटी ने कहा है कि असली समस्या रेलवे को मिलने वाली कुल आर्थिक मदद नहीं है
s-142 बल्कि, आंतरिक अतिरिक्त बजटीय मदद का होना ही इसकी मुख्य समस्या है
s-143 दसवीं योजना के दौरान सरकार रेलवे को २७,६०० करोड़ रुपये की बजटीय सहायता को मंजूरी दे चुकी है
s-144 इस योजना की ७० फीसदी रकम पहले तीन सालों में ही उपलब्ध कराई जा चुकी है
s-145 १४ सदस्यीय इस कमेटी की अध्यक्षता बासुदेव आचार्य ने की
s-146 अपने तर्क के समर्थन में उन्होंने योजना आयोग के नजरिए का उल्लेख करते हुए कहा कि ट्रैकों की लंबाई, वृहद क्षेत्रफल और भारी आबादी को देखते हुए चीन और भारत की रेल प्रणाली में खासी समानताएं हैं
s-147 जबकि, चीन में बजट से पूरा किए जाने वाला रेलवे का खर्च सिर्फ ११ फीसदी है
s-148 जबकि भारत में यह रकम ५० फीसदी हो जाती है
s-149 चीन के पास बजट के अलावा अतिरिक्त संसाधनों की भरमार है
s-150 वह आंतरिक संसाधनों के जरिए ५७ फीसदी रकम का प्रबंध करता है और बाजार से ३२ फीसदी रकम हासिल करता है
s-151 हालांकि भारत के मामले में यह क्रमशः २४ और २२ प्रतिशत ही है
s-152 इसलिए भारत में रेलवे के सभी कार्यक्रम और योजनाएं तकरीबन पूरी तरह से सरकार से मिलने वाले बजट पर ही निर्भर हैं
s-153 इसके बजाय भारत को अब धीरे - धीरे स्वपोषित वाणिज्यिक प्रणाली की ओर बढ़ना चाहिए
s-154 बजट का प्रावधान केवल उन क्षेत्रों तक ही सीमित होना चाहिए जो कि वाणिज्यिक संस्थान प्रायोजित नहीं करना चाहता
s-155 खुफिया ब्यूरो के निदेशक पद की दौड़ में शामिल वरिष्ठ अधिकारी एन. सी. पाधी को सचिव (सुरक्षा) नियुक्त किया गया है
s-156 मध्यप्रदेश कैडर से १९६८ बैच के आईपीएस अधिकारी पाधी खुफिया ब्यूरो (आईबी) प्रमुख पद के प्रबल दावेदारों में से एक थे
s-157 नियुक्तियों को लेकर मंत्रिमंडल समिति ने ३१ मई को सुधीर कुमार के रिटायर होने के बाद सचिव (सुरक्षा) पद पर पाधी की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है
s-158 पाधी का कार्यकाल अगले वर्ष जुलाई तक होगा
s-159 सरकार के इस फैसले से बिहार से १९७० बैच के आईपीएस अधिकारी पी. सी. हलधर खुफिया ब्यूरो के अगले निदेशक के प्रबल दावेदार हो गए हैं
s-160 ब्यूरो के निदेशक ई. एस. एल. नरसिम्हन इस वर्ष ३० नवंबर को रिटायर होंगे
s-161 केंद्र सरकार कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका के तीनों अंगों को लोकपाल के दायरे में लाने पर विचार कर रही है
s-162 राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मुख्य न्यायाधीश को इससे बाहर रखा जाएगा
s-163 जनशिकायतों की सुनवाई को नए लोकपाल विधेयक में सबसे ज्यादा तरजीह दी जाएगी
s-164 सरकार ने इसके विभिन्न पहलुओं पर विचार के लिए समिति गठित की है
s-165 लोकपाल को सक्षम पुलिस सीबीआई जैसी एजेंसी का समर्थन दिए जाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं
s-166 कानून न्याय मंत्री हंसराज भारद्वाज के मुताबिक सरकार कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका को लोकपाल के जरिए ज्यादा कार्यक्षम बेदाग बनाना चाहती है
s-167 जेएमएम प्रकरण के बाद संसद सदस्यों निर्वाचित प्रतिनिधियों को लोक सेवक करार दिया जा चुका है और उनसे उसी किस्म की ईमानदारी की उम्मीद की जाती है
s-168 न्यायाधीशों के पास जांच की पर्याप्त एजेंसी नहीं होती
s-169 अब जनता में यह महसूस किया जाने लगा है कि न्यायाधीशों के मामले में भी जांच दंड का प्रावधान होना चाहिए
s-170 जब उनसे पूछा गया कि लोकपाल के दायरे में न्यायपालिका को लाने के मुद्दे पर क्या भारत के प्रधान न्यायाधीश से राय ली जाएगी?
s-171 उन्होंने कहा कि मंत्रियों की समिति न्यायाधीश की राय नहीं लेगी और स्वतंत्र रूप से अपने सुझाव देगी
s-172 भारद्वाज ने यह घोषणा की कि मंत्रियों की इस समिति की अध्यक्षता रक्षा मंत्री प्रणव मुखर्जी करेंगे
s-173 इसमें स्वयं उनके और विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल के अलावा चार से पांच मंत्री रहेंगे
s-174 उल्लेखनीय है कि एनडीए सरकार ने लोकपाल की दिशा में काफी प्रयास किए और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी उनके कई वरिष्ठ साथियों ने प्रधानमंत्री को भी लोकपाल के दायरे में रखने का प्रयास किया था
s-175 भारद्वाज के मुताबिक 'प्रणव मुखर्जी की कमेटी ने उस समय भी प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे से बाहर रखने का सुझाव दिया था
s-176 डॉ. मनमोहन सिंह ने तो प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने का कई बार समर्थन किया है
s-177 लेकिन हम लोगों का मानना है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश को कम से कम इससे बाहर होना चाहिए
s-178 प्रधानमंत्री को केवल संसद के प्रति ही उत्तरदायी होना चाहिए और राष्ट्रपति पर तो कोई बहस भी नहीं होनी चाहिए
s-179 भारद्वाज का मानना है कि जजों के बारे में न्यायपालिका किसी जल्दी में नहीं दिखती
s-180 इसलिए सरकार ने तय किया है कि इस बारे में सभी के लिए समान कानून लाया जाए
s-181 जिसमें लोगों को यह जानने का हक भी मिले कि किसी प्रकरण की स्थिति क्या चल रही है?
s-182 लोकपाल के जरिए ही भ्रष्ट जजों के महाभियोग की प्रक्रिया को भी तय किया जाएगा
s-183 हालांकि प्रशासनिक पदों पर भ्रष्टाचार पर निगाह रखने के लिए मुख्य सतर्कता आयोग (सीवीसी) का पद हाल ही में सृजित किया गया था
s-184 भारद्वाज का मानना है कि सीवीसी सीबीआई के निदेशक और प्रवर्तन निदेशालय के निदेशकों की नियुक्ति का अनुमोदन करने का अधिकार रखता है, लेकिन उसके पास उतने कानूनी अधिकार नहीं हैं
s-185 संसद सदस्यों के मामले में भी अब तक संसदीय समिति या स्पीकर के जरिए जांच हुई है लेकिन उनके लिए भी कोई ठोस कानूनी उपाय नहीं है
s-186 भारद्वाज का कहना है कि वह व्यापक लोकपाल विधेयक के जरिए इसे संपूर्ण बनाना चाहते हैं जिसमें आम लोग भी प्रशासनिक स्तर पर अपने काम रुकने या भ्रष्टाचार की शिकायतें कर सकें
s-187 भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने टाटा टेलीसर्विस लिमिटेड और रिलायंस इंफोकॉम लिमिटेड द्वारा फिक्सड वायरलेस फोन को वॉकी और अनलिमिटेड कार्डलेस फोन बताने पर कड़ा रुख अपनाया है
s-188 प्राधिकरण ने दोनों कंपनियों से फिक्सड वायरलेस फोन के 'वॉकी' और 'अनलिमिटेड कार्डलेस' फोन की तरह प्रचारित करने वाले विज्ञापनों को हटाने को कहा है
s-189 प्राधिकरण ने इसके लिए १३ जनवरी तक दोनों पक्षों से जवाब देने को कहा है
s-190 ट्राई को कई शिकायतें मिली थी कि दूरसंचार सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनियां टाटा टेलीसर्विस और रिलायंस इंफोकॉम अपने फिक्सड वायरलेस फोन सेवा का इस तरह से प्रचार कर रही हैं कि इन सेवाओं के मोबाइल के समान होने का भ्रम होता है
s-191 कंपनियां इसके एवज में एसेस डेफिसिट चार्ज यानि एडीसी ले रही हैं, जबकि यह फिक्सड वायरलेस फोन है
s-192 गौरतलब है कि लोकल फिक्सड फोन पर एडीसी नहीं देनी पड़ती है
s-193 जबकि मोबाइल पर यह दर लागू होती है
s-194 दूरसंचार सेवा मुहैया कराने वाली टाटा टेलिसर्विस लिमिटेड और रिलायंस इंफोकॉम ने बाजार में कुछ समय पहले फिक्सड वायरलेस फोन उतारे थे
s-195 ट्राई द्वारा यह आदेश दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम १९९७ की धारा १३ और ११ () (बी) के तहत दिया गया है
s-196 यदि आप मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं, तो सतर्क हो जाएं
s-197 आपके सेलफोन पर वायरस हमला कर सकते हैं
s-198 मोबाइल फोन की स्क्रीन पर फ्लैश होने वाले 'अनबिलिवेबल' और 'ऐस' नाम के ये वायरस आपके हैंडसेट को क्षति पहुंचा सकते हैं
s-199 भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने यह चेतावनी जारी करते हुए कहा कि नए मोबाइल फोन पर वायरस से आने वाली ऐसी कॉल, हैंडसेट को क्षति पहुंचा सकती हैं
s-200 सूत्रों का कहना है कि मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को १२ अंकों वाली कॉल भी नहीं लेनी चाहिए

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