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Universal Dependencies - Bhojpuri - BHTB

LanguageBhojpuri
ProjectBHTB
Corpus Parttest
AnnotationOjha, Atul Kr.; Zeman, Daniel

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s-201 सुनील सिन्हा के स्तंभ शुक के सुनील सिन्हा जी के भेजल भोजपुरी पंचायत के कई गो पहिले के अंक मिलल
s-202 हम दू महीना पहिले आग्रह कइले रहीं
s-203 खास करके उहेंवाला स्तंभ पढ़े खातिर
s-204 उहाँके स्तंभ आत्म - विश्वास हम बहुत चाव से पढ़ींले
s-205 ओकर एक - एक बात जइसे हमरा मन का गहराई में उतरत जाला , काहेंकि एह प्रक्रिया में हमार पूरा विश्वास बाटे
s-206 एकरा पीछा ईहो एगो कारन हो सकेला कि दू साल पहिले हम गोवा जाके लीडरशिप के ट्रेनिंग लेले रहीं
s-207 अबहिंयो याद बा जब हमनीके नए साथी का मुँह से ईहे निकलल रहे कि कम से कम एक हप्ता अउर ट्रेनिंग के अवधि बढ़ि गइल रहित
s-208 रोज सात घंटा के पढाई होखे
s-209 बीच में खाली एक घंटा के ब्रेक
s-210 पढाई हमनी के अतना भावल कि ओह दौरान केहूँ के मोबाइल ऑन ना रहत रहे , ढेर से ढेर साइलेंट मोड में टॉयलेट जाए के केहूँ नाँवे ना लेइ , डर रहे कि कुछ छूटि जाई
s-211 हमनी के अतना विश्वास हो गइल रहे कि कवनो विद्यार्थी के आसानी से पटरी पर ले आइल जा सकता
s-212 हमरा एह बात पर सभ विश्वास ना कर पाई , हम जानतानी बाकिर हमरा विश्वास में आजुओ कवनो कमी नइखे आइल
s-213 फेरु फगुआ बदनाम होई
s-214 फगुआ जइसे - जइसे नगिचात जाता , हमार साँस फूलल जाता
s-215 रंग में हई गड़बड़ी होले मिठाई हइसे बनतारी सन आजु - काल्हु
s-216 अब फूहर गाना बाजे शुरू हो जाई
s-217 हमरा आजु तक ना बुझाइल कि हमनी का खाली टिप्पणिए देबे खातिर पैदा भइल बानी जा कि कुछु करबो करबि जा
s-218 बाजारू रंग लगवला के बहुत नुकसान बा महङा रंग जे कीन सकता , दू चुटकी अबीरे से काम चला लेला भा छी - मानुख में ओकर होली निकलि जाले
s-219 लोग रंग खेलल छोड़ि देसु ?
s-220 रंगे से होली हटे किसिम किसिम का रंगे से जिनिगी बनेले
s-221 फेरु प्रिंट से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक के मन - मिजाज एक हप्ता पहिलहीं से सत्यानाशी भाषणबाजी से काहें रङा जाला ?
s-222 अतने बा तथाकथित बुद्धिजीवी लोग के दुअरा - दुअरा जाके लोगन के ज्ञान चक्षु खोलेके चाहीं
s-223 खाली मुँह के खुजली मिटवला से कुछु ना बदली , थोरे टाइम निकालहीं के परी नवका पीढ़ी के फेसो करेके परी
s-224 लेखको लोग सवाल का घेरा में नीमन ना कहाई कि लेखको लोग अब सवाल का घेरा में आवे लगलन
s-225 का भइल कि जब देश में सब ठीकठाक बा केहूँ के अनकस बरे लागता तनिक चिंताजनक भइला पर बिल्कुल मौन माने सभ नीमन चल रहल बा
s-226 जेकर गतिविधि राष्ट्रीय सुरक्षा का खिलाफ बाइ , ओकरा सङे बानी अपने सभ जेकरा के देश थू - थू कर रहल बा ओकरा बाहबाही में राउर कलम कवनो कोर - कसर नइखे छोड़त
s-227 अउर अउर , जेकरा अनुशासनहीनता के दुष्प्रभाव देश भर के छात्रन पर पड़ रहल बा
s-228 बताईं ईहे लेखक के धर्म हटे ?
s-229 रउरा एही स्वाभिमान के सम्मान होखेके चाहीं ?
s-230 सभ जानता कि तरह-तरह के तर्क बनाम गलथेथई से कुछ बने ना , बिगड़बे करेला
s-231 हमरा खयाल से हमनी सभ लेखकन के राजनीति गोलबंदी से अलगे रहेके चाहीं
s-232 आजुओ लेखक लोगन पर से लोगन के भरोसा नइखे हटल
s-233 तथाकथित अश्लीलता एह घरी भोजपुरी के बहुत बिचित्र स्थिति हो गइल बा
s-234 जेकरे मन आवता अश्लील कहि देता भा दागदार बता देता
s-235 एह विषय पर ना चाहते हुए भी हमहूँ लिखलीं परिचर्चो आयोजित कइलीं
s-236 सोचलीं कि सत्य का ग्यान भइला का बाद कुल्हि बंद हो जाई बाकिर काहेंके ?
s-237 कुछ लोग बाकायदा झंडा उठाके चल देले बाड़न बिना जनले कि अश्लीलता के पैमाना का होई ?
s-238 भोजपुरी बीर बहादुर लोगन के भाषा हटे
s-239 गारी - गलौज शृंगारिक हँसी - मजाक भोजपुरी के सुभाव हटे सभ भोजपुरिया के ताकत हऽ
s-240 सुनतानी कि कहीं - कहीं सरकारी फरमानो जारी होखे लागल बा
s-241 आउर कुछ लोग कानूने बनवावे पर आमादा हो गइल बाड़न
s-242 कहीं अइसन मत होखे कि एंटीबायोटिक का प्रयोग से ऊहो बैक्टीरिया मरि जा सन जवन हमनीके शरीर का सहज सुभाव के रक्षा करेलन
s-243 एही विषय पर बक्सर में एक बेर मनोज चौबे जी से बात होत रहे
s-244 उहाँका कहलीं कि आजु - काल्हु एकर झंडा उठाके जेतना लोग चल रहल बा ओहमें ऊहो लोग शामिल बा जे एह समस्या का मूल में बा
s-245 ओह तथाकथित साफ - सुथरा गायक लोग से भी पूछल जाएके चाहीं कि भोजपुरी गायकी में चोली - साया लेके के आइल
s-246 हमार माथा ठनकल
s-247 ईहो अपना के निउज में बनवले राखेके एगो जरिया हो गइल बा ?
s-248 फुहरकम केहूँ के नीक ना लागे
s-249 कवनो जुग में नइखे लागल हमरा काहें लागी
s-250 बाकिर एक बेरि हिंदियो गीतन पर ध्यान दीहल जाव
s-251 जवन घर - घर में लइका - लइकी सुनतारे सन
s-252 हम जानतानी कि ओहिजा रउरा अबस बानी , राउर कवनो कंट्रोल नइखे
s-253 जरूरी ईहो बा कि जवन काम हो रहल बा ओकरा के कम से कम झंडावाला लोग जरूर पढ़सु
s-254 संसार के कवनो रोग से बिना दवा खइले छुटकारा पावल जा सकता
s-255 ढंग से काउंसिलिंग दिहल जाव केहू आत्महत्या ना करी कबो

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