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Universal Dependencies - Hindi - HDTB
Language | Hindi |
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Project | HDTB |
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Corpus Part | test |
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Annotation | Bhat, Riyaz Ahmad; Zeman, Daniel |
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इसके अतिरिक्त गुग्गुल कुंड, भीम गुफा तथा भीमशिला भी दर्शनीय स्थल हैं ।
s-1
test-s1
इसके अतिरिक्त गुग्गुल कुंड, भीम गुफा तथा भीमशिला भी दर्शनीय स्थल हैं ।
आधा किमी की दूरी पर भैरवनाथ मंदिर है, जहाँ केवल केदारनाथ के पट खुलने और बंद होने के दिन ही पूजन किया जाता है ।
s-2
test-s2
आधा किमी की दूरी पर भैरवनाथ मंदिर है, जहाँ केवल केदारनाथ के पट खुलने और बंद होने के दिन ही पूजन किया जाता है ।
भैरव का स्थान उत्तराखंड में क्षेत्रपाल अथवा भूमिदेव के रूप में महत्वपूर्ण है ।
s-3
test-s3
भैरव का स्थान उत्तराखंड में क्षेत्रपाल अथवा भूमिदेव के रूप में महत्वपूर्ण है ।
यह सोनप्रयाग से 5 किमी आगे और केदारनाथ में 6 किमी पहले (पैदल) पड़ने वाला एक अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थ एवं विश्राम स्थल है ।
s-4
test-s4
यह सोनप्रयाग से 5 किमी आगे और केदारनाथ में 6 किमी पहले (पैदल) पड़ने वाला एक अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थ एवं विश्राम स्थल है ।
इसकी ऊँचाई केवल 1982 मीटर है ।
s-5
test-s5
इसकी ऊँचाई केवल 1982 मीटर है ।
यहाँ गर्म पानी और ठंडे पानी के दो बहुत ही उत्तम कुंड हैं ।
s-6
test-s6
यहाँ गर्म पानी और ठंडे पानी के दो बहुत ही उत्तम कुंड हैं ।
यहाँ गौरी मंदिर है, जो कुछ छोटा है और प्राचीन नहीं है ।
s-7
test-s7
यहाँ गौरी मंदिर है, जो कुछ छोटा है और प्राचीन नहीं है ।
जनश्रुति है कि इसी स्थान पर पार्वती ने महादेव को पाने के लिए तपस्या की थी ।
s-8
test-s8
जनश्रुति है कि इसी स्थान पर पार्वती ने महादेव को पाने के लिए तपस्या की थी ।
मंदिर में गौरी और पार्वती की धातु की मूर्तियाँ हैं ।
s-9
test-s9
मंदिर में गौरी और पार्वती की धातु की मूर्तियाँ हैं ।
दूसरा मंदिर राधाकृष्ण का है, जिसे कृष्ण भक्तों का नूतन प्रयास समझा जाना ही उत्तम होगा ।
s-10
test-s10
दूसरा मंदिर राधाकृष्ण का है, जिसे कृष्ण भक्तों का नूतन प्रयास समझा जाना ही उत्तम होगा ।
मंदिर के गर्भगृह में नारायण भगवान की सुंदर मूर्ति है ।
s-11
test-s11
मंदिर के गर्भगृह में नारायण भगवान की सुंदर मूर्ति है ।
अन्य मूर्तियों में भू - देवी तथा लक्ष्मी की मूर्तियाँ उल्लेखनीय हैं ।
s-12
test-s12
अन्य मूर्तियों में भू - देवी तथा लक्ष्मी की मूर्तियाँ उल्लेखनीय हैं ।
यहाँ अनेक कुंड भी हैं ।
s-13
test-s13
यहाँ अनेक कुंड भी हैं ।
इनके नाम ब्रह्म कुंड, रुद्र कुंड और सरस्वती कुंड हैं ।
s-14
test-s14
इनके नाम ब्रह्म कुंड, रुद्र कुंड और सरस्वती कुंड हैं ।
इस मंदिर में अखंड धूनी जलती रहती है ।
s-15
test-s15
इस मंदिर में अखंड धूनी जलती रहती है ।
किंवदंती है कि यह वही अग्नि है, जिसको साक्षी कर शिव ने पार्वती से विवाह किया था ।
s-16
test-s16
किंवदंती है कि यह वही अग्नि है, जिसको साक्षी कर शिव ने पार्वती से विवाह किया था ।
पार्वती का मायका अर्थात हिमालय नरेश का निवास (संभवतः ग्रीष्म निवास) भी यही बताया जाता है ।
s-17
test-s17
पार्वती का मायका अर्थात हिमालय नरेश का निवास (संभवतः ग्रीष्म निवास) भी यही बताया जाता है ।
भारतीय सेना करती है व्यवस्था ।
s-18
test-s18
भारतीय सेना करती है व्यवस्था ।
दीपावली महापर्व के दूसरे दिन (पड़वा) के दिन शीत ऋतु में मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं ।
s-19
test-s19
दीपावली महापर्व के दूसरे दिन (पड़वा) के दिन शीत ऋतु में मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं ।
6 माह तक दीपक जलता रहता है ।
s-20
test-s20
6 माह तक दीपक जलता रहता है ।
बंद करते समय मंदिर में भारतीय सेना द्वारा उपस्थित श्रद्धालुओं को भोज दिया जाता है ।
s-21
test-s21
बंद करते समय मंदिर में भारतीय सेना द्वारा उपस्थित श्रद्धालुओं को भोज दिया जाता है ।
भोज का खर्च भारतीय सेना उठाती है ।
s-22
test-s22
भोज का खर्च भारतीय सेना उठाती है ।
पुरोहित ससम्मान पट बंद कर भगवान के विग्रह एवं दंडी को 6 माह तक पहाड़ के नीचे ऊखीमठ में ले जाते हैं ।
s-23
test-s23
पुरोहित ससम्मान पट बंद कर भगवान के विग्रह एवं दंडी को 6 माह तक पहाड़ के नीचे ऊखीमठ में ले जाते हैं ।
सेना के जवान भगवान के विग्रह को पालकी में बैंडबाजे से लाते हैं ।
s-24
test-s24
सेना के जवान भगवान के विग्रह को पालकी में बैंडबाजे से लाते हैं ।
प्रायः 10 किमी पैदल यात्रा करनी पड़ती है ।
s-25
test-s25
प्रायः 10 किमी पैदल यात्रा करनी पड़ती है ।
करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के प्रतीक केदारनाथ के कपाट खुलने का समय भी मई माह में होता है ।
s-26
test-s26
करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के प्रतीक केदारनाथ के कपाट खुलने का समय भी मई माह में होता है ।
तब उत्तराखंड की यात्रा आरंभ होती है ।
s-27
test-s27
तब उत्तराखंड की यात्रा आरंभ होती है ।
इंदौर में जिस प्रकार से शेरोंवाली माँ की पूजा आस्था तथा विश्वास के साथ की जाती है उसी विश्वास के साथ कोलकाता में काली माँ की पूजा की जाती है ।
s-28
test-s28
इंदौर में जिस प्रकार से शेरोंवाली माँ की पूजा आस्था तथा विश्वास के साथ की जाती है उसी विश्वास के साथ कोलकाता में काली माँ की पूजा की जाती है ।
जिस प्रकार शेरोंवाली माँ के मंदिर में जगराता होता है, उसी प्रकार काली माँ के मंदिर में जगराता होता है ।
s-29
test-s29
जिस प्रकार शेरोंवाली माँ के मंदिर में जगराता होता है, उसी प्रकार काली माँ के मंदिर में जगराता होता है ।
इसी कारण कोलकातावासी माँ काली के भक्त हैं तथा उनके शक्ति रूप को मानते हैं ।
s-30
test-s30
इसी कारण कोलकातावासी माँ काली के भक्त हैं तथा उनके शक्ति रूप को मानते हैं ।
काली मंदिर में दर्शन किए बिना कोलकाता की सैर अधूरी मानी जाती है ।
s-31
test-s31
काली मंदिर में दर्शन किए बिना कोलकाता की सैर अधूरी मानी जाती है ।
हुगली नदी के पूर्वी तट पर स्थित काली मंदिर सन 1855 में बनाया गया था ।
s-32
test-s32
हुगली नदी के पूर्वी तट पर स्थित काली मंदिर सन 1855 में बनाया गया था ।
इस पुरानी इमारत में दुर्गादेवी तथा शिव की मूर्ति की स्थापना की गई है ।
s-33
test-s33
इस पुरानी इमारत में दुर्गादेवी तथा शिव की मूर्ति की स्थापना की गई है ।
रानी राशमोनी में स्थित इस पौराणिक मंदिर में प्रवेश करने के लिए आपको उपस्थित भक्तजन की भीड़ का सामना करना पड़ेगा ।
s-34
test-s34
रानी राशमोनी में स्थित इस पौराणिक मंदिर में प्रवेश करने के लिए आपको उपस्थित भक्तजन की भीड़ का सामना करना पड़ेगा ।
माँ महाशक्ति के बारे में अनेक कथाएँ प्रचलित हैं ।
s-35
test-s35
माँ महाशक्ति के बारे में अनेक कथाएँ प्रचलित हैं ।
एक कथा के अनुसार देवी सती ने जब अपने पिता दक्ष के यहाँ अपमानित होकर यज्ञ में स्वयं को भस्म कर लिया तब क्रोध में आकर यज्ञ ध्वंस के समय भगवान शिव ने तांडव नृत्य किया ।
s-36
test-s36
एक कथा के अनुसार देवी सती ने जब अपने पिता दक्ष के यहाँ अपमानित होकर यज्ञ में स्वयं को भस्म कर लिया तब क्रोध में आकर यज्ञ ध्वंस के समय भगवान शिव ने तांडव नृत्य किया ।
इस समय माता सती के शरीर के अंश कहीं - कहीं धरती पर गिरे ।
s-37
test-s37
इस समय माता सती के शरीर के अंश कहीं - कहीं धरती पर गिरे ।
कहते हैं कि उनके पाँव के अंश कोलकाता में जहाँ माँ काली का मंदिर बना है, वहाँ गिरे थे ।
s-38
test-s38
कहते हैं कि उनके पाँव के अंश कोलकाता में जहाँ माँ काली का मंदिर बना है, वहाँ गिरे थे ।
इन अंशों ने पत्थर का रूप धारण किया था ।
s-39
test-s39
इन अंशों ने पत्थर का रूप धारण किया था ।
इसी की पूजा - अर्चना की जाती है ।
s-40
test-s40
इसी की पूजा - अर्चना की जाती है ।
एक और कथा भी प्रचलित है कि भागीरथी नदी के तट पर एक भक्त ने पाँव के अँगूठे के आकार का पत्थर पाया था जो स्वयंभू लिंग था और नकुलेश्वर भैरव का प्रतीक था ।
s-41
test-s41
एक और कथा भी प्रचलित है कि भागीरथी नदी के तट पर एक भक्त ने पाँव के अँगूठे के आकार का पत्थर पाया था जो स्वयंभू लिंग था और नकुलेश्वर भैरव का प्रतीक था ।
भक्त इसे जंगल में ले गया और माँ काली की पूजा करने लगा ।
s-42
test-s42
भक्त इसे जंगल में ले गया और माँ काली की पूजा करने लगा ।
कोलकाता स्थित प्रसिद्ध काली माँ का मंदिर बहुत ही भव्य है ।
s-43
test-s43
कोलकाता स्थित प्रसिद्ध काली माँ का मंदिर बहुत ही भव्य है ।
इस मंदिर की दीवारों पर बनाई गई टेराकोटा की चित्रकला के अवशेष यहाँ दिखाई देते हैं ।
s-44
test-s44
इस मंदिर की दीवारों पर बनाई गई टेराकोटा की चित्रकला के अवशेष यहाँ दिखाई देते हैं ।
मंदिर के पुजारी काली माँ की मूर्ति को स्नान कराते हैं जिसे स्नान यात्रा के नाम से जाना जाता है ।
s-45
test-s45
मंदिर के पुजारी काली माँ की मूर्ति को स्नान कराते हैं जिसे स्नान यात्रा के नाम से जाना जाता है ।
ऐसा साल में एक बार किया जाता है ।
s-46
test-s46
ऐसा साल में एक बार किया जाता है ।
इस दिन अनगिनत भक्तजन आते हैं ।
s-47
test-s47
इस दिन अनगिनत भक्तजन आते हैं ।
काली मंदिर में दुर्गा पूजा, नवरात्रि तथा दशहरा के दिन देवी की विशेष पूजा की जाती है ।
s-48
test-s48
काली मंदिर में दुर्गा पूजा, नवरात्रि तथा दशहरा के दिन देवी की विशेष पूजा की जाती है ।
इस पूजा का समय अक्टूबर के महीने में तय समय के अनुसार रखा जाता है ।
s-49
test-s49
इस पूजा का समय अक्टूबर के महीने में तय समय के अनुसार रखा जाता है ।
मंदिर के पट तड़के 3.00 से लेकर प्रातः 8.00 बजे तक खुले रहते हैं तथा प्रतिदिन प्रातः 10.00 से लेकर संध्या 5.00 बजे तक भक्तजन मंदिर में पूजा - अर्चना कर सकते हैं ।
s-50
test-s50
मंदिर के पट तड़के 3.00 से लेकर प्रातः 8.00 बजे तक खुले रहते हैं तथा प्रतिदिन प्रातः 10.00 से लेकर संध्या 5.00 बजे तक भक्तजन मंदिर में पूजा - अर्चना कर सकते हैं ।
पूजा का समय 6.00 बजे से लेकर रात के 8.30 तक रहता है ।
s-51
test-s51
पूजा का समय 6.00 बजे से लेकर रात के 8.30 तक रहता है ।
काली माँ की पूजा श्रद्धा तथा आस्था के साथ की जाती है ।
s-52
test-s52
काली माँ की पूजा श्रद्धा तथा आस्था के साथ की जाती है ।
अमावस्या के दिन मंदिर में काली माँ के लिए महापूजन का आयोजन किया जाता है ।
s-53
test-s53
अमावस्या के दिन मंदिर में काली माँ के लिए महापूजन का आयोजन किया जाता है ।
रात्रि के 12.00 बजे शक्तिरूपी देवी की आरती की जाती है ।
s-54
test-s54
रात्रि के 12.00 बजे शक्तिरूपी देवी की आरती की जाती है ।
माँ को गहनों से सजाया जाता है तथा आरती के बाद माँ के चरणों में भोग चढ़ाया जाता है ।
s-55
test-s55
माँ को गहनों से सजाया जाता है तथा आरती के बाद माँ के चरणों में भोग चढ़ाया जाता है ।
आभूषणों तथा लाल फूलों की माला से माँ काली की प्रतिमा को सजाया जाता है ।
s-56
test-s56
आभूषणों तथा लाल फूलों की माला से माँ काली की प्रतिमा को सजाया जाता है ।
मुख्य प्रथा जो मंदिर में प्रचलित है वह है बलि, जिसका रूप वर्तमान में बदल गया है ।
s-57
test-s57
मुख्य प्रथा जो मंदिर में प्रचलित है वह है बलि, जिसका रूप वर्तमान में बदल गया है ।
कहा जाता है कि देवी के मंदिर में काली माँ जागृत अवस्था में हैं ।
s-58
test-s58
कहा जाता है कि देवी के मंदिर में काली माँ जागृत अवस्था में हैं ।
माँ के द्वारा यहाँ पर आए भक्तजन की प्रार्थना स्वीकार की जाती है ।
s-59
test-s59
माँ के द्वारा यहाँ पर आए भक्तजन की प्रार्थना स्वीकार की जाती है ।
देवी उनकी मनोकामना पूर्ण करती हैं ।
s-60
test-s60
देवी उनकी मनोकामना पूर्ण करती हैं ।
कोलकाता के उत्तर में विवेकानंद पुल के पास दक्षिणेश्वर काली मंदिर स्थित है ।
s-61
test-s61
कोलकाता के उत्तर में विवेकानंद पुल के पास दक्षिणेश्वर काली मंदिर स्थित है ।
यह मंदिर बीबीडी बाग से 20 किलोमीटर दूर है ।
s-62
test-s62
यह मंदिर बीबीडी बाग से 20 किलोमीटर दूर है ।
दक्षिणेश्वर मंदिर का निर्माण सन 1847 में प्रारंभ हुआ था ।
s-63
test-s63
दक्षिणेश्वर मंदिर का निर्माण सन 1847 में प्रारंभ हुआ था ।
जान बाजार की महारानी रासमणि ने स्वप्न देखा था, जिसके अनुसार माँ काली ने उन्हें निर्देश दिया कि मंदिर का निर्माण किया जाए ।
s-64
test-s64
जान बाजार की महारानी रासमणि ने स्वप्न देखा था, जिसके अनुसार माँ काली ने उन्हें निर्देश दिया कि मंदिर का निर्माण किया जाए ।
इस भव्य मंदिर में माँ की मूर्ति श्रद्धापूर्वक स्थापित की गई ।
s-65
test-s65
इस भव्य मंदिर में माँ की मूर्ति श्रद्धापूर्वक स्थापित की गई ।
सन 1855 में मंदिर का निर्माण पूरा हुआ ।
s-66
test-s66
सन 1855 में मंदिर का निर्माण पूरा हुआ ।
यह मंदिर 25 एकड़ क्षेत्र में स्थित है ।
s-67
test-s67
यह मंदिर 25 एकड़ क्षेत्र में स्थित है ।
दक्षिणेश्वर मंदिर देवी माँ काली के लिए ही बनाया गया है ।
s-68
test-s68
दक्षिणेश्वर मंदिर देवी माँ काली के लिए ही बनाया गया है ।
दक्षिणेश्वर माँ काली का मुख्य मंदिर है ।
s-69
test-s69
दक्षिणेश्वर माँ काली का मुख्य मंदिर है ।
भीतरी भाग में चाँदी से बनाए गए कमल के फूल जिसकी हजार पंखुड़ियाँ हैं, पर माँ काली शस्त्रों सहित भगवान शिव के ऊपर खड़ी हुई हैं ।
s-70
test-s70
भीतरी भाग में चाँदी से बनाए गए कमल के फूल जिसकी हजार पंखुड़ियाँ हैं, पर माँ काली शस्त्रों सहित भगवान शिव के ऊपर खड़ी हुई हैं ।
काली माँ का मंदिर नवरत्न की तरह निर्मित है और यह 46 फुट चौड़ा तथा 100 फुट ऊँचा है ।
s-71
test-s71
काली माँ का मंदिर नवरत्न की तरह निर्मित है और यह 46 फुट चौड़ा तथा 100 फुट ऊँचा है ।
विशेष आकर्षण यह है कि इस मंदिर के पास पवित्र गंगा नदी जो कि बंगाल में हुगली नदी के नाम से जानी जाती है, बहती है ।
s-72
test-s72
विशेष आकर्षण यह है कि इस मंदिर के पास पवित्र गंगा नदी जो कि बंगाल में हुगली नदी के नाम से जानी जाती है, बहती है ।
इस मंदिर में 12 गुंबद हैं ।
s-73
test-s73
इस मंदिर में 12 गुंबद हैं ।
यह मंदिर हरे - भरे - मैदान पर स्थित है ।
s-74
test-s74
यह मंदिर हरे - भरे - मैदान पर स्थित है ।
प्रसिद्ध विचारक रामकृष्ण परमहंस ने माँ काली के मंदिर में देवी की आध्यात्मिक दृष्टि प्राप्त की थी तथा उन्होंने इसी स्थल पर बैठ कर धर्म - एकता के लिए प्रवचन दिए थे ।
s-75
test-s75
प्रसिद्ध विचारक रामकृष्ण परमहंस ने माँ काली के मंदिर में देवी की आध्यात्मिक दृष्टि प्राप्त की थी तथा उन्होंने इसी स्थल पर बैठ कर धर्म - एकता के लिए प्रवचन दिए थे ।
रामकृष्ण इस मंदिर के पुजारी थे तथा मंदिर में ही रहते थे ।
s-76
test-s76
रामकृष्ण इस मंदिर के पुजारी थे तथा मंदिर में ही रहते थे ।
उनके कक्ष के द्वार हमेशा दर्शनार्थियों के लिए खुले रहते थे ।
s-77
test-s77
उनके कक्ष के द्वार हमेशा दर्शनार्थियों के लिए खुले रहते थे ।
माँ काली का मंदिर विशाल इमारत के रूप में चबूतरे पर स्थित है ।
s-78
test-s78
माँ काली का मंदिर विशाल इमारत के रूप में चबूतरे पर स्थित है ।
इसमें सीढ़ियों के माध्यम से प्रवेश कर सकते हैं ।
s-79
test-s79
इसमें सीढ़ियों के माध्यम से प्रवेश कर सकते हैं ।
दक्षिण की ओर स्थित यह मंदिर तीन मंजिला है ।
s-80
test-s80
दक्षिण की ओर स्थित यह मंदिर तीन मंजिला है ।
ऊपर की दो मंजिलों पर नौ गुंबद समान रूप से फैले हुए हैं ।
s-81
test-s81
ऊपर की दो मंजिलों पर नौ गुंबद समान रूप से फैले हुए हैं ।
गुंबदों की छत पर सुन्दर आकृतियाँ बनाई गई हैं ।
s-82
test-s82
गुंबदों की छत पर सुन्दर आकृतियाँ बनाई गई हैं ।
मंदिर के भीतरी स्थल पर दक्षिणा माँ काली, भगवान शिव पर खड़ी हुई हैं ।
s-83
test-s83
मंदिर के भीतरी स्थल पर दक्षिणा माँ काली, भगवान शिव पर खड़ी हुई हैं ।
देवी की प्रतिमा जिस स्थान पर रखी गई है उसी पवित्र स्थल के आसपास भक्त बैठे रहते हैं तथा आराधना करते हैं ।
s-84
test-s84
देवी की प्रतिमा जिस स्थान पर रखी गई है उसी पवित्र स्थल के आसपास भक्त बैठे रहते हैं तथा आराधना करते हैं ।
इस मंदिर के सामने नट मंदिर स्थित है ।
s-85
test-s85
इस मंदिर के सामने नट मंदिर स्थित है ।
मुख्य मंदिर के पास अन्य तीर्थ स्थलों के दर्शन के लिए भक्तजन की भीड़ लगी रहती है ।
s-86
test-s86
मुख्य मंदिर के पास अन्य तीर्थ स्थलों के दर्शन के लिए भक्तजन की भीड़ लगी रहती है ।
दक्षिणेश्वर माँ काली का मंदिर विश्व में सबसे प्रसिद्ध है ।
s-87
test-s87
दक्षिणेश्वर माँ काली का मंदिर विश्व में सबसे प्रसिद्ध है ।
भारत के सांस्कृतिक धार्मिक तीर्थ स्थलों में माँ काली का मंदिर सबसे प्राचीन माना जाता है ।
s-88
test-s88
भारत के सांस्कृतिक धार्मिक तीर्थ स्थलों में माँ काली का मंदिर सबसे प्राचीन माना जाता है ।
मंदिर की उत्तर दिशा में राधाकृष्ण का दालान स्थित है ।
s-89
test-s89
मंदिर की उत्तर दिशा में राधाकृष्ण का दालान स्थित है ।
पश्चिम दिशा की ओर बारह शिव मंदिर बंगाल के अटचाला रूप में हैं ।
s-90
test-s90
पश्चिम दिशा की ओर बारह शिव मंदिर बंगाल के अटचाला रूप में हैं ।
पर्यटक साल में हर समय यहाँ पर भ्रमण करने आ सकते हैं ।
s-91
test-s91
पर्यटक साल में हर समय यहाँ पर भ्रमण करने आ सकते हैं ।
कैसे जाएँ वहाँ -
s-92
test-s92
कैसे जाएँ वहाँ -
कोलकाता में मुख्य तौर पर दो स्टेशन हैं, शियालदाह तथा हाउराह ।
s-93
test-s93
कोलकाता में मुख्य तौर पर दो स्टेशन हैं, शियालदाह तथा हाउराह ।
कोलकाता रेलमार्ग के माध्यम से भी सभी प्रमुख बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है ।
s-94
test-s94
कोलकाता रेलमार्ग के माध्यम से भी सभी प्रमुख बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है ।
हर प्रमुख शहरों से कोलकाता जाया जा सकता है ।
s-95
test-s95
हर प्रमुख शहरों से कोलकाता जाया जा सकता है ।
कोलकाता में मीटर से टैक्सी चलती है ।
s-96
test-s96
कोलकाता में मीटर से टैक्सी चलती है ।
बस, मेट्रो रेल, साइकल रिक्शा तथा ऑटो रिक्शा चलते हैं ।
s-97
test-s97
बस, मेट्रो रेल, साइकल रिक्शा तथा ऑटो रिक्शा चलते हैं ।
अमेरिका सद्दाम हुसैन की न्यायिक हिरासत इराक की अंतरिम सरकार को सौंपने पर विचार कर रहा है लेकिन वह सद्दाम को अपनी सेना के कब्जे में ही रखेगा ।
s-98
test-s98
अमेरिका सद्दाम हुसैन की न्यायिक हिरासत इराक की अंतरिम सरकार को सौंपने पर विचार कर रहा है लेकिन वह सद्दाम को अपनी सेना के कब्जे में ही रखेगा ।
घाजी तलाबानी नाम के अधिकारी की काम करने जाते समय हत्या की गई ।
s-99
test-s99
घाजी तलाबानी नाम के अधिकारी की काम करने जाते समय हत्या की गई ।
इराक स्थित अमेरिकी प्रशासक एल. पॉल ब्रेमर ने कहा कि अगर इराक के नए प्रधानमंत्री सद्दाम हुसैन को अपनी सरकार की हिरासत में देने की माँग करते हैं तो अमेरिका उनकी न्यायिक हिरासत सौंपने के बारे में विचार कर सकता है ।
s-100
test-s100
इराक स्थित अमेरिकी प्रशासक एल. पॉल ब्रेमर ने कहा कि अगर इराक के नए प्रधानमंत्री सद्दाम हुसैन को अपनी सरकार की हिरासत में देने की माँग करते हैं तो अमेरिका उनकी न्यायिक हिरासत सौंपने के बारे में विचार कर सकता है ।
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