s-202
| मोहम्मद अली जिन्ना पर की गई टिथी से उठे विवाद में भाजपा पूरी तरह लालकृष्ण आडवाणी के साथ खड़ी है । |
s-203
| पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी खुलकर आडवाणी के बचाव में सामने आ गए और बोले, पाकिस्तान के जनक ने स्वतंत्रता संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी । |
s-204
| दूसरी ओर आडवाणी पर बयान वापस लेने का दबाव डालने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने उनके भाजपा अध्यक्ष पद से इस्तीफे को पार्टी का अंदरूनी मामला करार दिया । |
s-205
| उन्होंने आरोप लगाया कि आडवाणी ने जो कुछ कहा उसके गलत अर्थ निकाले गए हैं । |
s-206
| जिन्ना को पाकिस्तान का जनक बताते हुए वाजपेयी ने कहा कि कायदे आजम चाहते थे कि भारत और पाकिस्तान के लोग सद्भावना से रहें, लेकिन पाकिस्तान के नेताओं ने उनका समर्थन नहीं किया । |
s-207
| उन्होंने कहा कि सरोजनी नायडू जैसी कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने भी जिन्ना पर इसी तरह की टिथी की थी । |
s-208
| आडवाणी से बयान वापस लेने की मांग करने वाले संघ ने उन पर इस्तीफे के लिए किसी तरह का दबाव डालने के आरोप से इनकार किया । |
s-209
| लेकिन उन्होंने कहा कि हम जिन्ना को सेकुलर बताए जाने से सहमत नहीं हैं । |
s-210
| आडवाणी को मनाने उनके आवास पर पहुंचे भाजपा नेता साहिब सिंह वर्मा ने कहा, विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया के बयान से अध्यक्ष जी आहत हैं । |
s-211
| विहिप को इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए । |
s-212
| मैं चाहता हूं कि संघ परिवार दबाव बनाकर प्रवीण तोगड़िया का बयान वापस कराए या फिर उन्हें विहिप से बाहर कर दिया जाए । |
s-213
| दूसरी ओर भाजपा की तेजतर्रार नेता उमा भारती ने कहा कि आडवाणी के इस्तीफे और पाकिस्तान में की गई उनकी टिप्पणियों से जुड़े मुद्दे पर बहस की जरूरत है । |
s-214
| इसके साथ ही उन्होंने संघ परिवार को संयम बरतने की नसीहत दे डाली । |
s-215
| पार्टी के अल्पसंख्यक नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि हमने लाल कृष्ण आडवाणी से इस मुददे पर बात की है और हम चाहते हैं कि वे अध्यक्ष बने रहें । |
s-216
| झारखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सीटों के बंटवारे को लेकर यूपीए में दरार पैदा हो गई है । |
s-217
| कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोरचा ने आज राज्य की ८१ सीटों में से ६८ सीटें आपस में बांट ली । |
s-218
| दूसरी ओर केंद्र में सत्तारूढ़ यूपीए के एक प्रमुख घटक राजद और उसे बाहर से समर्थन दे रहे माकपा ने इसे एकतरफा करार दिया है । |
s-219
| कांग्रेस - झामुमो के समझौते से बौखलाए राजद प्रवक्ता ने इसे सरासर विश्वासघात बताया है । |
s-220
| माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा कि यह समझौता हमारी सोच से अलग है । |
s-221
| सीटों के इस विवाद से राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ एक मजबूत गठबंधन खड़ा करने की कोशिशों पर पानी फिर गया है । |
s-222
| हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के मुताबिक 'यूपीए एक ठोस गठबंधन है और राज्य की मौजूदा सरकार को सत्ता से बाहर करने में कोई संदेह नहीं है |
s-223
| इससे पहले आज कांग्रेस ने गठबंधन धर्म निभाते हुए झारखंड मुक्ति मोरचा के साथ विधानसभा सीटों के बंटवारे में पूरी दरियादिली का परिचय दिया और झामुमो को ३५ सीटें दे दीं, जो उसकी ३३ सीटों के मुकाबले दो कम हैं । |
s-224
| बदले में झामुमो सुप्रीमो और कोयला मंत्री शिबू सोरेन ने चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद का फैसला यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के हाथ सौंप दिया । |
s-225
| अब कांग्रेस की उम्मीदें सीपीआई की ओर से मिलने वाली दो सीटों पर टिकी हैं । |
s-226
| कांग्रेस और झामुमो ने राज्य की बाकी १३ सीटें राजद और वाम दलों के लिए छोड़ी हैं । |
s-227
| सीटों के तालमेल का फैसला सोरेन व सोनिया गांधी के बीच हुई मुलाकात के बाद लिया गया । |
s-228
| इससे पहले कांग्रेस व झारखंड नेताओं के बीच हुई बैठक में समझौते की रूपरेखा तय की गई थी । |
s-229
| कांग्रेस की ओर से इस बैठक में अर्जुन सिंह, माखन लाल फोतेदार और कांग्रेस महासचिव व बिहार व झारखंड के प्रभारी हरिकेश बहादुर ने हिस्सा लिया । |
s-230
| जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से इस बैठक में शिबू सोरेन व स्टीफन मरांडी शामिल थे । |
s-231
| लेकिन, इस समझौते से राजद और माकपा की भवें तन गई हैं । |
s-232
| राजद प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने इस समझौते को गठबंधन धर्म के विपरीत बताया है । |
s-233
| उन्होंने कहा कि यह सरासर विश्वासघात है । |
s-234
| हाल ही में जेडीयू के चार विधायक भी राजद में शामिल हो गए थे । |
s-235
| पादरी या नन अब धार्मिक और शैक्षिक कार्यो तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि वे काले कोट पहनकर देश भर की अदालतों में जिरह करते भी नजर आ सकते हैं । |
s-236
| केरल हाईकोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में उनके लिए रास्ता साफ कर दिया है । |
s-237
| अदालत ने कहा कि पादरी या नन होने का आशय यह नहीं है कि वे कानूनी पेशे में प्रवेश नहीं कर सकते । |
s-238
| जस्टिस के. बालाकृष्णन ने अपने आदेश में कहा कि पादरी और नन का काम कोई रोजगार या पेशा नहीं है । |
s-239
| कोई भी केवल जीवनयापन के मकसद से इसे नहीं अपनाता । |
s-240
| लिहाजा इसे पेशा नहीं माना जा सकता, जैसा कि बार काउंसिल के नियम २ (एच) में कहा गया है । |
s-241
| हालांकि अदालत ने कहा है कि अधिवक्ता के रूप में वही पादरी और नन पंजीकृत नहीं हो सकते हैं, जो इस कार्य को पूर्णकालिक आधार पर करते हैं । |
s-242
| अदालत ने बार काउंसिल की इस दलील को खारिज कर दिया कि धार्मिक कार्यो को अंजाम देना भी एक पेशा है, लिहाजा पादरी, नन और संन्यासिन कानूनी पेशे में प्रवेश के अधिकारी नहीं हैं । |
s-243
| अदालत का मानना है कि ऐसे लोगों के आने से पेशे में पवित्रता, ईमानदारी और पारदर्शिता बढ़ेगी, क्योंकि कानूनी पेशे को ऐसे लोगों की जरूरत है, जो पूरी निष्ठा और निस्वार्थ भाव से दबे कुचले लोगों और पर्यावरण संरक्षण के मसले उठाएं । |
s-244
| याचियों ने केरल बार काउंसिल पंजीकरण समिति के फैसले को चुनौती दी थी । |
s-245
| समिति ने याचियों के आवेदन को खारिज कर दिया था । |
s-246
| याचियों ने अपनी दलील में कहा कि यदि कोई वकील अदालत में प्रैक्टिस कर रहा है और वह पादरी या नन बन जाता है तो उसे वकील के रूप में वकालत जारी रखने से अयोग्य नहीं ठहराया जाता । |
s-247
| इसी तरह नियम किसी पादरी या नन को कानूनी पेशे में प्रवेश से नहीं रोकते । |
s-248
| अदालत ने कहा कि ऐसे लोग अपना जीवन ईश्वर और मानवता को समर्पित कर देते है । |
s-249
| इसलिए उन्हें किसी पेशे से जुड़ा नहीं माना जा सकता । |
s-250
| अदालत के फैसले पर सिस्टर टीना ने खुशी जताई है । |
s-251
| उन्होंने अलपुझा से फोन पर बताया कि अंततः ईश्वर ने हमारी प्रार्थना सुन ली है । |
s-252
| उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह से वे अदालत द्वारा अपने पक्ष में फैसला दिए जाने के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रही थी । |
s-253
| ईश्वर का शुक्र है कि अदालत ने हमारे पक्ष में फैसला दिया है । |
s-254
| उन्होंने कहा कि अब मैं जरूरतमंद लोगों के लिए अदालत में बहस कर सकूंगी । |
s-255
| मेरे जैसे दूसरे पादरी और ननों को भी वकालत के पेशे से जुड़ने का मौका मिलेगा । |
s-256
| वोल्कर रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने सोमवार को यू टर्न लिया । |
s-257
| प्रधानमंत्री ने नटवर सिंह से विदेश विभाग ले लिया । |
s-258
| यह विभाग अब वह खुद देखेंगे । |
s-259
| नटवर फिलहाल बिना विभाग के मंत्री रहेंगे । |
s-260
| सरकार ने वोल्कर रिपोर्ट के तथ्यों की न्यायिक जांच कराने के लिए पूर्व मुख्य न्यायधीश आर. एस. पाठक की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया है । |
s-261
| इसके अलावा कांग्रेस और राजग ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफी अन्नान को लिखकर इस संबंध में सारे दस्तावेज मांगे हैं । |
s-262
| राजग ने सोमवार राष्ट्रपति को भी इस संबंध में ज्ञापन सौंपा । |
s-263
| मालूम हो कि वोल्कर रिपोर्ट से संबंधित तथ्यों व आंकड़ों को जमा करने के लिए सरकार ने रविवार शाम को ही संयुक्त राष्ट्र में पूर्व अवर सचिव वीरेंद्र दयाल की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था । |
s-264
| तेल दलाली मामले में दो - दो जांच आदेश के बाद नटवर सिंह पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया था । |
s-265
| पर उन्होंने इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया । |
s-266
| शाम को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें अपने सरकारी आवास पर बुलाया । |
s-267
| इस मौके पर वित्त मंत्री पी. चिदंबरम भी मौजूद थे । |
s-268
| करीब दो घंटे तक गहन मंत्रणा के बाद नटवर सिंह को विदेश मंत्रालय से हटाने का फैसला किया गया । |
s-269
| कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के इस फैसले का स्वागत किया है । |
s-270
| नटवर सिंह को मंत्रिमंडल में बनाए रखने का बचाव करते हुए पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु संघवी का कहना है कि सिर्फ आरोप की बुनियाद पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता । |
s-271
| लेकिन नटवर की जिद को देखते हुए प्रधानमंत्री को यह रास्ता निकालना पड़ा । |
s-272
| हालांकि, नटवर सिंह की दलील थी कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत निरुपम सेन से कई बार बात की है । |
s-273
| सेन से यह पता लगाने के लिए कहा गया है कि उनका और कांग्रेस का नाम इस रिपोर्ट में कैसे आया । |
s-274
| पर सरकार और पार्टी इस दलील से सहमत नहीं थीं । |
s-275
| पार्टी में आम राय थी कि जांच के वक्त विदेश मंत्रालय नटवर सिंह के पास नहीं होना चाहिए । |
s-276
| खुद मनमोहन सिंह भी पार्टी नेताओं की इस राय से सहमत थे । |
s-277
| इस मामले की न्याययिक जांच की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार संजय बारू ने सोमवार को कहा कि न्यायमूर्ति आर. एस. पाठक की ओर से की जाने वाली जांच का दायरा व जांच के मुद्दों की घोषणा जल्द कर दी जाएगी । |
s-278
| जरूरत पड़ने पर नटवर सिंह से भी पूछताछ की जा सकती है । |
s-279
| बारू के मुताबिक, वीरेंद्र दयाल समिति वोल्कर रिपोर्ट से संबंधित तथ्यों और आंकड़ों को एकत्र करने के लिए संयुक्त राष्ट्र व अन्य सदस्य देशों की यात्रा करेगी । |
s-280
| जबकि पाठक की अगुआई में आयोग दयाल समिति के जुटाए गए तथ्यों के आधार पर जांच करेगा । |
s-281
| उनके साथ उनकी पत्नी और वकील भी थे । |
s-282
| एक दिन पूर्व ईडी ने अंदलीब और उनके रिश्तेदारों के आवासों पर रेड कार्नर नोटिस चस्पा कर दिया था । |
s-283
| हालांकि ईडी और आयकर विभाग ने अंदलीब से रविवार को ८ घंटे तक पूछताछ की थी लेकिन अंदलीब ने इस नोटिस के जवाब में खुद को पेश किया । |
s-284
| इस बीच नटवर ने वोल्कर रिपोर्ट को मृत रिपोर्ट का दर्जा दिया । |
s-285
| उन्होंने कहा कि पॉल वोल्कर ने जब खुद स्वीकार किया कि उन्होंने कोफी अन्नान को संकट से उबारने के लिए इसकी भाषा में फेरबदल किया तो इससे इसकी गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है । |
s-286
| जनता दल (यूनाइटेड) के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह केंद्रीय मंत्री और राजद नेता मोहम्मद तस्लीमुद्दीन पर लगे हत्या के प्रयास के अभियोग को नहीं हटाना चाहती । |
s-287
| राज्य सरकार का कहना है कि यह आरोप बहुत ही गंभीर और गैर जमानती किस्म का है । |
s-288
| पिछले साल बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद जद (यू) और भाजपा गठबंधन की सरकार आने पर उसने इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट किया । |
s-289
| नितीश कुमार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह विवादास्पद राजद नेता पर मुकदमा जारी रखने के पक्ष में है । |
s-290
| तस्लीमुद्दीन अररिया की अदालत में आपराधिक मुकदमे का सामना कर रहे हैं । |
s-291
| मंगलवार को अदालत में पेश किए गए नितीश कुमार सरकार के ताजा हलफनामे में कहा कि वह राबड़ी देवी शासन से इतर तस्लीमुद्दीन के खिलाफ मुकदमा जारी रखना चाहते हैं । |
s-292
| जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने तस्लीमुद्दीन के खिलाफ मामला वापस लेने का मन बनाया था । |
s-293
| उल्लेखनीय है कि राबड़ी देवी सरकार ने २००४ में तस्लीमुद्दीन के खिलाफ मामले को वापस लेने का हलफनामा भरा था । |
s-294
| हालांकि बिहार के कानून विभाग के संयुक्त सचिव संजय कुमार की ओर से जारी इस हलफनामे में कहा गया कि २००४ में सुनवाई अदालत में मुकदमा वापस लेने की याचिका का आधार अब मौजूद नहीं है । |
s-295
| ताजा हलफनामे में कहा गया कि तस्लीमुद्दीन के खिलाफ अभियोग बहुत गंभीर और गैर जमानती है । |
s-296
| आर्थिक सर्वेक्षण २००३ - ०४ में शिक्षा और स्वास्थ्य को आर्थिक विकास की मानव पूंजी घोषित किया गया है और इसे विकास के बुनियादी ढांचे के बराबर का दर्जा दिया गया है । |
s-297
| विकास की उच्च दर को हासिल करने और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए इन बुनियादी क्षेत्रों का विकास जरूरी है । |
s-298
| गरीबी की जड़ अशिक्षा है और यदि २००७ तक गरीबी में ५ फीसदी की कमी लानी है तो शिक्षा और स्वास्थ्य पर निवेश में बढ़ोतरी करनी होगी । |
s-299
| सर्वेक्षण में कहा गया है कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम के अनुरूप शिक्षा पर व्यय को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाकर जीडीपी का ६ फीसदी करने से सामाजिक क्षेत्र की काफी मुश्किलों का हल निकल आएगा । |
s-300
| इसलिए सरकार का विचार है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति २००२ के तहत जन स्वास्थ्य में निवेश को जीडीपी के ०.९ फीसदी से बढ़ाकर २०१० तक जीडीपी के २.० फीसदी तक लाया जाए । |
s-301
| सर्वेक्षण में इस बात का खुलासा किया गया है कि वर्ष २००३ - ०४ के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य क्षेत्र की योजनाओं के लिए आबंटित रकम में २००२ - ०३ के मुकाबले कोई वृद्धि नहीं की गई । |